प्रयागराज महाकुंभ: 50 करोड़ का आंकड़ा पार, क्या है रहस्य?

Published : Feb 14, 2025, 06:27 PM IST
mahakumbh 2025

सार

प्रयागराज महाकुंभ में 50 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। यह संख्या दुनिया के कई देशों की आबादी से भी ज़्यादा है, जिससे यह एक ऐतिहासिक आयोजन बन गया है।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अब तक 49 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं। पिछले एक महीने से चल रहे महाकुंभ में पहले तीन शाही स्नान और फिर माघी पूर्णिमा के स्नान में भारी भीड़ उमड़ी। करोड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने महाकुंभ नगरी प्रयागराज की आबादी को दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बाद तीसरे नंबर पर पहुंचा दिया। आलम यह रहा कि डेढ़ महीने में प्रयागराज पहुंचने वाले कुल लोगों की संख्या अमेरिका की आबादी से भी ज्यादा हो गई। रिकॉर्ड की बात करें तो महाकुंभ 2025 आयोजन जैसा कोई आयोजन अब तक दुनिया में दर्ज नहीं हुआ है।

भारत में कब बना है भीड़ का रिकॉर्ड?

भारत की जनसंख्या के कारण यहां होने वाले कई आयोजनों में लाखों की भीड़ देखने को मिलती है। हालांकि, कुंभ मेले में देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों का जुटना देखने लायक होता है। यही वजह है कि दुनिया के कुछ सबसे बड़े समागमों में 2019 में प्रयागराज में आयोजित अर्ध कुंभ, 2013 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ और 2025 के महाकुंभ मेले से पहले 2010 में हरिद्वार में आयोजित कुंभ शामिल हैं।

दुनिया का पहला आयोजन जहाँ पचास करोड़ लोग डायरेक्ट सहभागी बने

एक महीने के अंदर प्रयागराज पहुंचने वालों की संख्या करीब 50 करोड़ पहुंच रही है। अगर आंकड़ों की बात करें तो दुनिया के 234 देशों और बसे हुए द्वीपों के मुकाबले भारत और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी आबादी 30 दिनों के अंदर महाकुंभ नगरी में जुटी है। इस आंकड़े से आगे सिर्फ भारत (जनसंख्या 1 अरब 45 करोड़) और चीन (जनसंख्या 1 अरब 41 करोड़) ही हैं। वहीं, अमेरिका (जनसंख्या 34 करोड़ 54 लाख), इंडोनेशिया (28 करोड़ 34 लाख) और पाकिस्तान (25 करोड़ 12 लाख) की आबादी भी प्रयागराज पहुंचने वालों से कम रही है।

मानव इतिहास के किसी आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के सहभागी होने के प्रमाण नहीं

धार्मिक आयोजन

  • कुंभ मेला (भारत): सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन।
  • अरबईन यात्रा (इराक): हर साल 2 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री।
  • हज (सऊदी अरब): हर साल लगभग 25 लाख मुस्लिम मक्का में एकत्रित होते हैं।

सांस्कृतिक और उत्सवों का आयोजन

  • रियो कार्निवल (ब्राजील): प्रतिदिन 20 लाख लोग।
  • चाइनीज न्यू ईयर (चीन): दुनियाभर में अरबों लोग इसे मनाते हैं।
  • ऑक्टोबरफेस्ट (जर्मनी): सबसे बड़ा बीयर फेस्टिवल, 60 लाख लोग।

खेल आयोजन

  • ओलंपिक खेल: हजारों एथलीट और लाखों दर्शक।
  • टूर डी फ्रांस (फ्रांस): करीब 12 लाख लोग रास्तों के किनारे इकट्ठा होते हैं।
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ऑक्टोबरफेस्ट और रियो कार्निवल की भीड़

महाकुंभ और ब्राजील के रियो कार्निवल की अपनी-अपनी विशेषता है। लेकिन अगर यहां पहुंचने वाले लोगों की तुलना करें तो रियो कार्निवल से 10 गुना से भी ज्यादा लोगों ने पवित्र स्नान किया है। ब्राजील के पर्यटन विभाग के मुताबिक, साल 2023 में रियो कार्निवल में 46 मिलियन पर्यटकों ने हिस्सा लिया।

श्रद्धालुओं की भीड़ की तुलना जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित ऑक्टोबरफेस्ट के महाकुंभ से भी की जा रही थी। यह दुनियाभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। साल 2024 में इस उत्सव में करीब 6.7 मिलियन लोगों ने हिस्सा लिया, जबकि साल 2023 में 7.2 मिलियन पर्यटक इसमें शामिल हुए। जर्मनी में हर साल 16 दिनों तक ऑक्टोबरफेस्ट का आयोजन किया जाता है, जिसमें पर्यटक जर्मन संस्कृति, संगीत, पारंपरिक नृत्य और स्वादिष्ट बीयर का लुत्फ उठाते हैं।

फिलहाल प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में आज 32वें दिन श्रद्धालुओं की भीड़ ने नया इतिहास रचते हुए 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। महाकुंभ इस महीने 26 फरवरी तक चलेगा, इसके समापन में 12 दिन शेष हैं, श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ को पार कर गई है।

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