महाकुंभ 2025 में गंगा-यमुना हो गई मैली, सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड का बड़ा खुलासा

Published : Feb 18, 2025, 04:47 PM IST
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सार

महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के दौरान प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा जल (Ganga Water) की गुणवत्ता स्नान के लिए उपयुक्त नहीं, CPCB रिपोर्ट में खुलासा। NGT ने यूपीPCB (UPPCB) को तलब कर मांगा विस्तृत जवाब। 

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के दौरान गंगा (Ganga) और यमुना (Yamuna) के पानी को लेकर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने बड़ा खुलासा किया है। संगम का पानी खतरनाक लेवल तक प्रदूषित हो चुका है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को अपनी रिपोर्ट सौंपी है जिसमें पानी की गुणवत्ता को लेकर चिंता जतायी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, संगम स्नान के लिए पानी की प्राथमिक गुणवत्ता मानकों (Primary Water Quality) का उल्लंघन हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, फीकल कॉलीफॉर्म (Faecal Coliform) काफी बढ़ गया है। यह पानी में 2500 यूनिट प्रति मिलीलीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। यह मानक सीवेज प्रदूषण (Sewage Contamination) का संकेतक है। लेकिन प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ की वजह से यहां के सभी प्वाइंट्स या घाटों पर यह मानक तार-तार हो चुके हैं।

NGT की सख्ती, यूपी PCB से तलब किया जवाब

NGT अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव (Justice Prakash Shrivastava), न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल (Justice Sudhir Agarwal) और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल (A Senthil Vel) की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। NGT ने यूपी PCB (UPPCB) को फटकार लगाते हुए कहा कि अब तक कोई ठोस कार्यवाही रिपोर्ट नहीं दी गई। बोर्ड ने केवल जल परीक्षण रिपोर्ट (Water Test Report) संलग्न करते हुए एक पत्र प्रस्तुत किया।

CPCB रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ?

केंद्रीय रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर फीकल कॉलीफॉर्म का स्तर तय मानकों से अधिक पाया गया है। महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान किया है। इससे जल में प्रदूषण की मात्रा और बढ़ चुकी है।

एनजीटी ने दिया एक दिन का मौका, वर्चुअल पेशी का आदेश

NGT ने यूपी PCB को एक दिन का समय दिया है ताकि वह रिपोर्ट की जांच कर जवाब दाखिल कर सके। NGT ने आदेश दिया कि यूपी PCB के मेंबर सेक्रेटरी के अलावा, गंगा की वाटर क्वालिटी बनाए रखने के लिए जिम्मेदार राज्य प्राधिकरण कल यानी 19 फरवरी को वर्चुअल पेश हों।

महाकुंभ 2025 में जल प्रदूषण का बढ़ता खतरा

महाकुंभ मेले में हर दिन लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन जल गुणवत्ता से जुड़े ये आंकड़े सवाल खड़े कर रहे हैं कि क्या प्रशासन इस गंभीर समस्या को नियंत्रित करने में सक्षम है? अब देखना होगा कि UPPCB और उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) इस रिपोर्ट के आधार पर क्या कदम उठाते हैं। हालांकि, श्रद्धालुओं को साफ और सुरक्षित गंगा जल में स्नान करने की सुविधा मिलना मुश्किल है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।

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