महाकुंभ में करोड़ों की भीड़, कैसे होती है गिनती? AI ने कैसे कर दी गिनती आसान

Published : Jan 16, 2025, 11:17 PM IST
35 Pictures of Mahakumbh Amirt Snan

सार

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हाईटेक कैमरों से भीड़ की गिनती का इंतज़ाम किया गया है।

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में इस बार 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने का अनुमान है। पिछली बार 2019 के कुंभ में 26 करोड़ के आसपास लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी। महाकुंभ 2025 में पौष पूर्णिमा स्नान और पहले शाही स्नान में 5 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई है। सरकार या प्रशासन के ये आंकड़े जब सामने आते हैं तो हर किसी के जेहन में एक सवाल खड़ा होता है...आखिर इतनी भीड़ में लोगों की गिनती कैसे की जाती है। क्या इन आंकड़ों को प्रशासन केवल अनुमान से ही जारी कर देता है या कोई सटीक मेथेड इसके लिए है।

महाकुंभ की भीड़ की गिनती के लिए कौन सी टेक्निक अपनायी जा रही?

बदलते दौर में महाकुंभ भी टेक्नोलॉजी से लैस है। प्रयागराज में इस बार महाकुंभ 2025 में आ रही भीड़ की गिनती के लिए एक रियल टाइम असेसमेंट टीम लगाई गई है। असेसमेंट टीम, महाकुंभ में आने वाली भीड़ की गिनती करती है। इसके लिए इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद ली जा रही है। इसके लिए खास तरह के कैमरे लगाए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 1800 स्पेशल कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से 1100 फिक्स्ड कैमरे हैं तो 744 अस्थायी कैमरे हैं। एआई बेस्ट इन हाईटेक कैमरों की मदद से फेस स्कैनिंग कर हेडकाउंट किए जा रहे हैं। एक ही चेहरा बार-बार कैमरा में आकर गिनती न कर ले इसके लिए एआई पूरी तरह से लैस है। इसके अलावा टीम के पास ड्रोन कैमरे हैं। ड्रोन भी इस सिस्टम से जुड़े हुए हैं। यह भी हेडकाउंट में हेल्प कर रहे हैं। यह कैमरे 360 डिग्री के हैं और यह कई टेक्निक पर अपनी काउंटिंग कर रहे हैं। इसमें लोगों के फ्लो, एरिया क्राउड डेन्सिटी सहित मोबाइल फोन आदि की गिनती करके एक मेथेड अपनाकर लोगों की गिनती की जा रही है। इस मेथेड में कुंभ आने वाले ट्रेन, बसों व अन्य माध्यमों से वाहनों की एंट्री का डेटा भी कलेक्ट किया जाता है। यही नहीं शहर में मौजूद गाड़ियों और ट्रैफिक को भी आंकड़ा लिया जाता है। फिर, फाइनल डेटा जारी होने के पहले सभी आंकड़ों का मिलान किया जाता है।

पहले कैसे होती रही है गिनती?

पूर्व में कुंभ में आने वाले लोगों की गिनती हेडकाउंट के जरिए होती थी। कुंभ आने वाले रास्तों पर असेसमेंट टीम तैनात रहती थी। यह उनकी गिनती करती थी। इसके अलावा ट्रेन-बसों के आने वाले यात्रियों का डेटा लेकर एक अनुमानित आंकड़ा जारी किया जाता था। हालांकि, पूर्व में भी डेटा बिल्कुल सटीक पाना मुश्किल था और महाकुंभ में एआई की मदद के बाद भी सटीक आंकड़ा पाना मुश्किल है। विशेषज्ञ मानते हैं कि जो भी आंकड़ा जारी होता है वह केवल एक अनुमानित आंकड़ा है।

यह भी पढ़ें:

कुंभ मेले में लगता था 1 रु. का टैक्स, जानिए ब्रिटिश राज में इसकी कीमत

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

यूपी बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन? खरमास से पहले 14 दिसंबर को होगा ऐलान
योगी सरकार की अभ्युदय कोचिंग: 23 हजार से ज्यादा युवाओं को मुफ्त तैयारी का बड़ा अवसर