महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं से गंगा में माला-फूल और हवन सामग्री न डालने की अपील की गई है, ताकि पवित्र नदी स्वच्छ बनी रहे। यह कदम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।