Ram Mandir Pran Pratishtha: इतिहास में पहली बार ग्रेटर नोएडा का एक ऐसा गांव, जहां परंपरागत रूप से रावण की पूजा होती है। दशकों पुरानी परंपराओं से हटकर इस गांव के लोग 22 जनवरी को भगवान राम का स्वागत करने जा हैं।
Ram Mandir Pran Pratishtha: एक ओर जहां अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है और दुनिया भर के भक्त उत्साहित हैं। मंदिरों, घरों और सार्वजनिक स्थानों पर रोजाना धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव के प्राचीन शिव मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसे रावण का पैतृक गांव कहा जाता है।
रावण का पैतृक गांव माना जाता है यह गांव
बिसरख गांव में आज भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। बात दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित बिसरख को रावण का पैतृक स्थान माना जाता है। जहां पूरी दुनिया राम मंदिर के भव्य उद्घाटन का जश्न मना रही है, वहीं रावण के पूर्वजों के निवासी भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के शुभ दिन पर गांव वाले भगवान राम को गले लगाने के लिए तैयार हैं।
बिसरख के शिव मंदिर की मिट्टी भी अयोध्या भेजी गई थी
ग्रामीणों के अनुसार 20 जनवरी को कलश यात्रा के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू किया गया था। मूर्तियां राजस्थान से लाई गई हैं। मंदिर के महंत रामदास के अनुसार बिसरख गांव रावण को एक पूजनीय शिव भक्त और पूर्वज के रूप में देखता है। रामदास के अनुसार 22 जनवरी को एक विशाल प्राण प्रतिष्ठा समारोह की योजना बनाई गई है। ग्रामीण भगवान राम का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2021 में भूमि पूजन के समय बिसरख के शिव मंदिर की मिट्टी भी अयोध्या भेजी गई थी।
यहां की होती है कई असामान्य परंपराएं
बिसरख में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाता। गांव में रावण को समर्पित एक मंदिर है, जो युद्ध में भगवान राम द्वारा पराजित राक्षस राजा का सम्मान करता है। स्थानीय निवासी रावण को अपना पूर्वज मानते हैं, क्योंकि उसके पिता विश्रवा बिसरख में भगवान शिव की पूजा करते थे। राजस्थान के कलाकारों द्वारा जयपुर से मंगवाए गए सफेद संगमरमर से तैयार की गई राम की मूर्ति, गांव के सामान्य रीति-रिवाजों से हटकर है।
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