रामलला प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह: राममंदिर​ निर्माण से कैसे चौतरफा हाईटेक हो रही अयोध्या, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

अयोध्या बाबरी विध्वंस केस इतिहास बन चुका है। स्थानीय निवासियों ने दशकों तक राम मंदिर आंदोलन का साइड इफेक्ट झेला। अब 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है।

Rajkumar Upadhyay | Published : Dec 21, 2023 12:44 PM IST / Updated: Dec 21 2023, 06:50 PM IST

अयोध्या। 22 जनवरी 2024 की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रही है। नये भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। श्रद्धालु रामलला के दर्शन को उमड़ रहे हैं। उसके पहले सरकार ने रामनगरी का कायाकल्प करने वाली करोड़ो रुपये लागत वाली योजनाओं की सौगात दी है। अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय वैदिक सिटी के रूप में पेश करने की तैयारी है। आप भी जानने को उत्सुक होंगे कि राम मंदिर निर्माण से अयोध्या में क्या बदलाव आया है?

बुनियादी सुविधाए बढ़ी, तंग गलियों-ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

गाइड का काम करने वाले आनन्द कुमार कहते हैं कि यदि पहले आप अयोध्या आए होंगे तो आपने संकरी गलियां, ट्रैफिक जाम, बुनियादी सुविधाओं की कमी और वर्तमान की तुलना में कम पर्यटक देखे होंगे। विकसित किए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर का मौजूदा ढांचा देखकर आप खुद एक बड़ा अंतर महसूस कर रहे होंगे। सड़कें चौड़ी की गई हैं। यह जरुर है कि शहर के विकास की वजह से आम लोगों को थोड़ी दिक्कतें हो रही हैं। मसलन तमाम मकान टूटें, कहीं सड़कें बन रही हैं तो आसपास की सड़कें बंद कर दी गई हैं। उसकी वजह से ट्रैफिक जाम है। पर जब काम धीरे-धीरे पूरे होंगे तो शहरवासियों को रोजमर्रा के जीवन में आराम मिलेगा।

पर्यटकों की संख्या में इजाफा

स्थानीय निवासी श्यामजी कहते हैं कि अयोध्या में जब से राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ है। तब से पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। हरि की पैड़ी पर डेली शाम को 6 से 8 बजे तक लेजर शो हो रहा है। राम मंदिर, अमांवा मंदिर और राम दरबार में फ्री भंडारा चल रहा है। डेली 5 से 6 हजार लोग खाना खा रहे हैं। आनन्द कुमार भी बताते हैं कि पहले उनकी कमाई डेली 100 से 200 रुपये हो जाती थी। अब 1000 से 2000 रुपये तक कमा लेते हैं।

पहले तहसील का भी दर्जा नहीं, अब जिला है अयोध्या

साल 1986 से राममंदिर आंदोलन कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार बीएन दास कहते हैं कि पहले अयोध्या को तहसील का भी दर्जा नहीं हासिल था। एक छोटे से धार्मिक नगर के रूप में बसा था। अब अयोध्या जिला बन चुका है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट, विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला रेलवे स्टेशन बन रहा है। शहर की सजावट में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि जो भी अयोध्या में एंट्री करे उसे एहसास हो कि वह राम जन्मभूमि में पहुंच गया है।

पहले सिर्फ हनुमानगढ़ी, कनक भवन से वापस हो जाते थे पर्यटक

दास कहते हैं कि पहले अयोध्या में पर्यटक हनुमानगढ़ी, कनक मंदिर और एकाध मंदिर देखकर दिन भर में वापस हो लेते थे। देखा जाए तो अयोध्या के लिए सिर्फ एक दिन का टूर पैकेज था। अब गुप्तार घाट से लेकर सरयू घाट तक पिकनिक स्पॉट की तरह बन गया है। रिवर टूरिज्म डेवलप किया जा रहा है। नये सिरे से शहर को रिइनोवेट किया जा रहा है। अब यदि कोई अयोध्या आएगा तो उसे छोटी-छोटी गलियों वाली अयोध्या नहीं दिखेगी। 14 कोसी और 4 कोसी और 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के अंदर 150 धार्मिक स्थल डेवलप करने की योजना है। अब पर्यटक यहां कुछ दिनों तक ठहर सकेंगे।

इस साइड इफेक्‍ट से बचे रहेंगे व्‍यापारी 

दास कहते हैं कि अयोध्या में कभी दंगा नहीं हुआ। राम मंदिर आंदोलन की वजह से भीड़ बढ़ती थी तो बाहर के ट्रेडर्स को यह संदेश जाता था कि वहां कुछ दिक्क्त है और उसकी वजह से वह सामानों की सप्लाई देना बंद कर देते थे। इससे यहां का ट्रेड प्रभावित हुआ। राहत की बात है कि अब ऐसा नहीं होगा। स्थानीय व्यापारी अब इस साइड इफेक्ट से बचे रहेंगे और व्यापार बढ़ेगा।

क्या है राममंदिर का इतिहास?

वैसे तो राम मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। पर देश की आजादी के बाद 23 सितम्बर 1949 को भगवान राम की मूर्तियां मिलने के बाद श्रीराम जन्मभूमि का असली विवाद शुरु हुआ। 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद की जिला अदालत ने हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत के साथ ढांचे पर लगे ताले को हटाने का आदेश दिया। उसके बाद सिलसिलेवार तरीके से वर्षों तक राममंदिर आंदोलन चला। 9 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 25 मार्च 2020 को रामलला टेंट से निकलकर फाइबर के मंदिर में शिफ्ट हुए और 5 अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ।

दिख रहे ये बदलाव

1. एक रंग रूप में दिखेगा अयोध्या शहर। कामन बिल्डिंग कोड लागू।

2. शहर के 33 पार्कों का कायाकल्प कराया गया।

3. चौदह कोसी, पंच कोसी और 84 कोसी परिक्रम मार्गों का चौड़ीकरण और सुंदरीकरण।

4. परिक्रमा मार्गों के अंदर आने वाले धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्वार और नागरिक सुविधाओं का विकास।

5. जाम से मुक्ति के लिए 6 ओवरब्रिज बनाया जा रहा।

6. 134 किलोमीटर सीवर लाइन बन रही।

7. सीवर के पानी को सरयू में गिराने से पहले साफ किया जाएगा।

8. 200 बेड का अस्पताल।

9. 6 स्थायी पार्किंग बनकर तैयार।

10. राम जन्मभूमि को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण।

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