प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले एशियानेट न्यूज टीम अयोध्या पहुंची। स्थानीय दुकानदार कहते हैं कि आने वाले दिनों में देश—दुनिया से भारी संख्या में पर्यटक अयोध्या आएंगे तो रामनगरी को उसका फायदा मिलेगा। आइए विस्तार से जानते हैं।
अयोध्या। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है। रामपथ पर लोगों को चाय पिला रहे आशीष कहते हैं, 'बहुत लोग रामलला के दर्शन करे आवत हैं। करोड़ो लोग अइह, सेल बढ़ी त फायदा होइब करी। पहिले त आंदोलन के नाते दुकान चलावल मुश्किल हो गइल रहा।' हालांकि रामपथ की चौड़ीकरण में उनकी दुकान भी तोड़ दी गई है। 20 फीट लंबी दुकान की जगह सिर्फ 5 फीट बची है। फिर भी वह उम्मीद जताते हुए खुश हैं कि आने वाले दिनों में अयोध्या में पर्यटकों का रेला होगा।
राम मंदिर मॉडल की देश भर में डिमांड
राम मंदिर अयोध्या में बन रहा है पर उसके मॉडल की डिमांड देश ही नहीं दुनिया के कई देशो में है। दुकानों में तो मॉडल बिक ही रहा है। आनलाइन भी इसकी डिमांड है। सहादतगंज समेत कई जगहों पर दुकानदार इसका निर्माण कर रहे हैं। रामकोट क्षेत्र में लकड़ी के बने हुए राम मंदिर मॉडल बेचने वाले विजय कहते हैं कि इनकी खूब डिमांड है। छोटी से लेकर बड़ी साइज में बिक रहा है। सामने रखे 7-8 मॉडल दिन भर में बिक जाते हैं। दिन ब दिन इसकी डिमांड बढ़ रही है। सबसे ज्यादा डिमांड 8 और 10 इंच की साइज में बिकने वाले मॉडल की है। राम दरबार, राम नामी पेन, डायरी और जरुरत की तमाम चीजें दुकानों पर सजी हैं।
हाथ में सामान लेकर बेचने वालों की संख्या बढ़ी
जैसे-जैसे अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। माला, खिलौने, झंडे, धार्मिक प्रतीक चिन्ह और श्रृंगार के सामान हाथ में लेकर बेचने वालों की संख्या बढ़ रही है। पहले श्रृंगार हाट समेत कुछ जगहों पर ही इसकी बिक्री होती थी। अब भीड़-भाड़ वाली जगहों पर हाथ में सामान लेकर बेचने वाले आसानी से दिख जाएंगे। सड़क के किनारे माला बेच रही सीमा कश्यप कहती हैं कि डेली 1000 से 1200 रुपये का सामान बिक जाता है। मंदिरों के पास फूल-माला और प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों की चांदी लग गई है। इसकी वजह है, क्योंकि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से उनकी बिक्री बढ़ी है। स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, सबसे ज्यादा फायदा फूल कारोबारियों को हो रहा है। उनकी रोजाना कमाई में हजारो रूपये की बढ़ोत्तरी हुई है।
दोना-पत्तल, मिट्टी के बर्तन, बोतलबंद पानी की मांग
स्थानीय निवासी विनोद त्रिपाठी कहते हैं कि राम मंदिर निर्माण के साथ प्रतिष्ठानों और दुकानों ने अपनी कैपेसिटी बढ़ाई है। दोना-पत्तल, मिट्टी के बर्तन और बोतलबंद पानी की डिमांड बढ़ी है। उससे जुड़े दुकानों व उद्योगों में लोगों को रोजगार मिला है। बेकरी की दुकानों ने अपना विस्तार किया है। आने वाले समय में पर्यटकों की भारी संख्या का अनुमान लगाते हुए स्थानीय लोग भी धड़ाधड़ दुकाने खोल रहे हैं। ई-रिक्शा की संख्या पिछले दो साल में दो से तीन गुना तक बढ़ी है। शिव कुमार कहते हैं कि सवारियां आ रही है। दिन भर में 1000 तक कमाई हो जाती है। ट्रैवेल से जुड़ा काम करने वाले कहते हैं कि गाड़ियों की बुकिंग बढ़ी है। आने वाले दिनों में इसकी संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।
खान-पान से जुड़े उद्योग के दिन बहुरे
अयोध्या में खान पान से जुड़े व्यवसाय में काफी इजाफा हुआ है। लक्ष्मी कहती हैं कि राम मंदिर आंदोलन के समय से दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहता था। पर दीपोत्सव कार्यक्रम और अब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की वजह से काफी घूमने वाले लोग आ रहे हैं। सड़क के किनारे नारियल पानी बेच रहे राम बहादुर कहते हैं कि फायदा तो हो रहा है। दिन भर में 2 से 3 हजार का काम हो जाता है। पर अब यहां ठेला लगाने की अनुमति नहीं है। वह उम्मीद जताते हुए कहते हैं कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उन लोगों को भी जगह मिलेगी। यही हाल फल लगाने वाले ठेलों और खोमचों का है।
होटलों की संख्या में बढ़ोत्तरी
अयोध्या राम मंदिर निर्माण के बाद से होटलों की संख्या बढ़ी है। पर्यटन अधिकारी आरपी यादव कहते हैं कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 50 होटलों के प्रस्ताव आए, जो रजिस्टर्ड हैं और अयोध्या में उनका निर्माण होना है। उनमें रैडिशन, क्लार्क जैसे बड़े ग्रुप शामिल हैं। होटलों की संख्या बढ़ेगी तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। वैसे देखा जाए तो पूरे अयोध्या जिले में होटलों और रेस्टोरेंट की संख्या बढ़ी है।
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