
अयोध्या: उत्तर प्रदेश की राम नगरी कही जाने वाली अयोध्या में इस बार राम नवमी पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम जन्म महोत्सव मनाने जा रहा है। शहर में यह महोत्सव 21 मार्च से 30 मार्च तक राम की पैड़ी समेत अलग-अलग जगहों पर मनाया जाएगा। इस दौरान योग समेत कई सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन और ओलंपिक में शामिल खेलों के साथ-साथ भजन के कार्यक्रम होंगे। रामलला के अस्थाई मंदिर में यह आखिरी जन्मोत्सव होगा क्योंकि साल 2024 में यह उत्सव रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में मनाएंगे।
साल 2024 के बाद राम नवमी बन जाएगी शहर की पहचान
राम नवमी के दिन तो शहर में अलग-अलग मंदिरों में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम होते रहे हैं, लेकिन इस बार राम मंदिर ट्रस्ट इसे उत्सव का रूप देगा। भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने से पहले इसकी शुरुआत हो रही है। विराजमान से पहले इतना भव्य कार्यक्रम है तो विराजमान होने के बाद 2024 से हर साल यह महोत्सव इस तरह आयोजित होगा जो अयोध्या की पहचान से जुड़ जाएगा।
कोरोना के चलते नए तरीके से नहीं हो पाया था कार्यक्रम
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कुछ नए ढंग से यह 9 दिनों का आनंद उत्सव मनाने का विचार किया है। उनका कहना है कि पिछले नवरात्र तो कोरोना में ही निकल गए। इसके पहले यहां ऐसा कुछ होता नहीं था, एक रामकोट की परिक्रमा होती थी और वह भी 25 साल से चल रही है। उसके पहले यह भी नहीं करते थे सिर्फ स्थानीय समाज करता ही रहता है लेकिन संगठन के रूप में नहीं किया गया।
शहर में सबसे बड़े उत्सव का है पहला पड़ाव
चंपत राय ने आगे कहा कि कार्यक्रम में साइकिल दौड़, मैराथन दौड़ खो-खो, दंगल, कबड्डी, वालीबाल, मलखम्ब, नौकायन का प्रयोग किया जाएगा। अगर यह सब सफल होता है तो एक अच्छा प्रयोग होगा। उनका कहना यह भी है कि अगर यह सफल हो गया तो एक अच्छा प्रयोग होगा। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि राम जन्म उत्सव के जरिए अयोध्या और श्री राम के प्रति लोगों के जुड़ाव को मजबूत करना है। इसी कारणवश अयोध्या के सबसे बड़े उत्सव के रूप में प्रतिष्ठित करना है और इसकी शुरुआत का पहला पड़ाव है।
बच्चे से लेकर अधेड़ भी ले सके कार्यक्रम का आनंद
वहीं दूसरी ओर राम जन्मोत्सव समिति के व्यवस्थापक गिरीशपति त्रिपाठी का कहना है कि भव्य आयोजन का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि एक छोटे बच्चे से लेकर अधेड़ अवस्था, वृद्धावस्था तक के व्यक्ति को अयोध्या आने पर राम जन्मोत्सव का आनंद लेने का एक अवसर मिले। उन्होंने आगे कहा कि इस दृष्टिकोण से एक बहुआयामी संरचना बनाई गई है। उसमें योग से लेकर खेल की विभिन्न विद्याओं का आयोजन किया जा रहा है।
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