हेलो! हम ED...मनी लाॅड्रिंग...नहीं तो, रिटायर्ड AMU प्रोफेसर के साथ हुआ कुछ ऐसा

Published : Oct 15, 2024, 12:25 PM ISTUpdated : Oct 15, 2024, 12:56 PM IST
Cyber ​​Fraud

सार

UP के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के एक रिटायर्ड प्रोफेसर को जालसाजों ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) अधिकारी बनकर 75 लाख रुपये की ठगी की। प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर धमकियां भी दी गईं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

आगरा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के एक रिटायर्ड प्रोफेसर से जालसाजों ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी बनकर 75 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली। यहीं नहीं जालसाजों ने रिटायर्ड प्रोफेसर को 10 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके भी रखा। रिटायर्ड प्रोफेसर ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के हस्तक्षेप से 13 लाख रुपए का विड्रॉल रुका

AMU के रिटायर्ड प्रोफेसर कमर ने पुलिस को ठगी के बारे में सूचना दी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद संबंधित बैंकों को अलर्ट जारी कर दिया। पुलिस ने पाया कि पैसे 21 अलग-अलग बैंक खातों के ज़रिए भेजे गए थे। पुलिस के हस्तक्षेप के कारण 13 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन को रोक दिया गया है।

मनी लाॅड्रिंग केस में फंसाने की दी जा रही थी धमकी

मामले की जांच कर रहे साइबर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर वीडी पांडे ने बताया कि पीड़िता को 10 दिनों से अधिक समय तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा गया था। इस दौरान आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए रिटायर्ड प्रोफेसर कमर जहां पर पैसे देने का दबाव बनाया।

रिटायर्ड प्रोफेसर को पहला फोन कब आया?

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसे पहला फोन 28 सितंबर को आया, जब आरोपी ने खुद को ईडी अधिकारी बताते हुए कहा कि उसने कुछ संदिग्ध लेनदेन किए हैं, जिसमें वह मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में शामिल है।

साइबर क्रिमिनलों ने 75 लाख रुपए करा लिए ट्रांसफर

इसके बाद आरोपी ने महिला प्रोफेसर को कुछ बैंक अकाउंट नंबर देकर गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में कुछ पैसे जमा करने को कहा। पीड़िता ने मांगें मान लीं और 75 लाख रुपये से अधिक जमा कर दिए। हालांकि, दो दिन पहले उसे लगा कि उसके साथ धोखाधड़ी हो रही है और उसने थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

पिछले महीने एक शिक्षिका की इसी चक्कर में जा चुकी है जान

पिछले महीने 58 वर्षीय एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका की उस वक्त हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी, जब उन्हें साइबर जालसाजों से एक कॉल आया जिसमें झूठा दावा किया गया था कि उनकी बेटी एक सेक्स स्कैंडल में फंस गई है। महिला शिक्षिका मालती वर्मा को 30 सितंबर को एक जालसाज ने पुलिसकर्मी बनकर फोन किया और धमकी दी कि अगर 1 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया तो वह उनकी बेटी से जुड़ा एक अश्लील वीडियो लीक कर देगा।

 

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