साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतरे, बाल-बाल बचे यात्री, कैसे हुआ हादसा?

कानपुर के पास शुक्रवार देर रात साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन का इंजन ट्रैक पर रखे लोहे के बोल्डर से टकरा गया होगा। गनीमत रही कि हादसे में कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ।

उत्तर प्रदेश। कानपुर के पास शुक्रवार देर रात करीब ढाई बजे साबरमती एक्सप्रेस शुक्रवार रात हादसे का शिकार हो गई। रात करीब ढाई बजे कानपुर के पास ट्रेन के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए।  गनीमत रही कि घटना में कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ है। ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद के लिे जा रही थी। हालांकि रात में सोते समय हादसा होने से यात्रियों में घबराहट से अफरातफरी मच गई थी, लेकिन बाद में हालात पर काबू पा लिया गया। सूचना पर रेलवे के कई अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और दुर्घटना का जायजा लिया। बाद में सभी यात्रियों के लिए दूसरी ट्रेन की व्यवस्था कर उन्हें रवाना किया गया। घटना की जांच की जा रही है। 

इंजन से बोल्डर के टकराने से हादसे की आशंका
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि घटना स्थल के दौरान ट्रेन के 16 नंबर कोच के पास एक टूटा हुआ बोल्डर मिला है। अफसरों का मानना है कि ट्रेन का इंजन इसी बोल्डर से टकरा गया होगा जिसकी वजह से हादासा हो गया। इस बोल्डर के पास कुछ निशान भी देखे गए हैं। अफसरों ने बताया कि रेलवे ट्रैक को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। 

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हादसे पर रेलमंत्री ने कही ये बात
रेलमंत्री अश्वनी वार्ष्णेय ने कहा कि शुक्रवार रात 2.30 बजे के आसपास कानपुर के पास साबरमती एक्सप्रेस के 22 कोच के पटरी से उतरने की सूचना पर तुरंत रेस्क्यू टीम मौके पर भेजी गई। यात्री बिल्कुल सुरक्षित हैं। हादसा कैसे हुआ इसकी जांच आईबी को सौंपी गई है। 

पढ़ें राजस्थान में रेल हादसा: अलवर में पटरी से उतरे डिब्बे, कैंसिल की गईं कई ट्रेनें

शरारती तत्व की करतूत या साजिश, आईबी करेगी जांच 
रेलवे के अफसरों का कहना है कि ट्रैक पर लोहे का बोल्डर रखना किसी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। हांलाकि यह किसी शरारती तत्व की करतूत भी हो सकती है। इस घटना की जांच आईबी को सौंप दी गई है जो इस मामले की रिपोर्ट तैयार कर रेल मंत्रालय को भेजेगी। ट्रैक पर बोल्डर कैसे पहुंचा इसकी भी पूरी जांच की जाएगी। 

बाल-बाल टला बड़ा हादसा
साबरमती एक्सप्रेस के 22 कोच पटरी से उतर गए लेकिन गनीमत रही कि कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ। ऐसे में बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन की गति धीरे होने के कारण कोई भी कोच पलटा नहीं, वरना हालात भयावह हो जाते। यात्रियों को दूसरी ट्रेन से रवाना किया गया। 

हाल में हुए कई ट्रेन हादसे
पिछले कुछ दिनों में रेलवे को कई विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। कई ट्रेनें हादसे का शिकार हो गई जिसमें लोगों की जान भी गई। राजस्थान के अलवर में कुछ दिनों पहले ट्रेन के कोच पटरी से उतर गए थे। फिर राजस्थान में ही कोटा जंक्शन पर ट्रेन डिरेल की दुर्घटना हुई थी। वहीं पश्चिम बंगाल के बांकुंडा में दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गई थीं जिससे 12 बोगियां पटरी से उतर गई थीं।

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