समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क की मुश्किकले कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनके खिलाफ संभल में मस्जिद सर्वेक्षण हिंसा और बिजली चोरी के मामले में एफआईआर दर्ज होने की तैयारी है। जांच जारी है।
संभल। समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, जो संभल में मस्जिद सर्वेक्षण को लेकर हाल ही में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी हैं, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस द्वारा संभल के सांसद के खिलाफ उनके घर पर चेकिंग के दौरान बिजली चोरी पकड़ी है। जिसके बाद उनके खिलाफ बिजली चोरी की एक एफआईआर दर्ज कराई गई है। साथ में दूसरी एफआईआर की भी तैयारी की जा रही है, जिसमें उनके पिता द्वारा बिजली विभाग की टीम को धमकी देने का आरोप है।
उत्तर प्रदेश बिजली विभाग की एक टीम द्वारा बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों के साथ सांसद के घर पर बिजली चेकिंग के दौरान छेड़छाड़ के सबूत मिलने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। बिजली विभाग अनियमितताओं को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रहा है।
इंडिया टुडे के अनुसार, सांसद के घर के वार्षिक बिजली बिल में शून्य खपत दिखाई गई है। संभल के अतिरिक्त एसपी श्रीश चंद्र ने बताया, "राज्य विद्युत विभाग ने बिजली चोरी (जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ) के संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई है... विभाग ने यह भी बताया है कि जिया उर रहमान बर्क के आवास पर जांच के दौरान उनके पिता ने टीम के एक सदस्य को धमकी दी... इस संबंध में साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं, जिसके बाद एक और एफआईआर दर्ज की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी... फिलहाल, एक एफआईआर (बिजली चोरी के संबंध में) दर्ज की गई है और दूसरी जिया उर रहमान बर्क के पिता द्वारा धमकी के संबंध में साक्ष्य मिलने के बाद दर्ज की जाएगी।"
नए लगाए गए मीटरों की रीडिंग की जांच करना और एयर कंडीशनर, पंखे समेत अन्य विद्युत उपकरणों के लोड का आकलन करना था। बर्क पर उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा की साजिश रचने का आरोप है। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।
समाजवादी पार्टी के सांसद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर संभल हिंसा के सिलसिले में पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की भी मांग की है। रिट याचिका में याचिकाकर्ता सांसद ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। उनके वकील के मुताबिक, वह घटना वाली जगह पर मौजूद नहीं थे, फिर भी उन्हें एफआईआर में आरोपी बनाया गया है। इस मामले पर जल्द ही कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है।