अक्सर ग्रामीण इलाकों में संपत्तियों का विवाद कई पीढ़ियों तक चलता है। ऐसे विवादों के समाधान के लिए सरकार की देश भर के ग्रामीण इलाकों की सेटेलाइट से सर्वे कराने के साथ उनके रिकॉर्ड को डिजिटल फार्मेट में बदल रही है। दिसम्बर तक 90 हजार डिजिटल घरौनियां…
UP Digital Land Records: यूपी सरकार ने ग्रामीण इलाकों में संपत्तियों के विवाद को तेजी से हल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। ग्रामीणों को उनकी संपत्तियों के अधिकार पत्र के रूप में डिजिटल घरौनियां दी जाएंगी। सरकार ने इस साल दिसम्बर महीने तक प्रदेश की 90 हजार से ज्यादा गांवों की डिजिटल घरौनियां बनाने का लक्ष्य रखा है। सर्वे आफ इंडिया से मैप मिलने के बाद मौके पर उसका परीक्षण भी किया जाएगा। 31 जुलाई तक मैप और उसके परीक्षण (Ownership of property) के लिए 31 अगस्त तक का समय निर्धारित किया गया है।
पीएम मोदी बांट चुके हैं 20 लाख घरौनियां
अब तक 90,894 गांवों का ड्रोन सर्वे (Satellite Survey of properties) पूरा ।
लगभग 73 हजार ग्रामों का सर्वे ऑफ इंडिया से मानचित्र मिला है।
अब तक प्रदेश भर की करीबन 57 लाख घरौनियां तैयार।
तैयार घरौनियां लोगों को बांटी भी जा रही हैं।
24 अप्रैल तक लगभग 55.15 लाग घरौनियां बांटी गईं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को 20.98 लाख घरौनियां डिजिटली बांटी थीं।
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Pradhan Mantri Swamitva Yojana) के तहत किया जा रहा घरौनियों का वितरण।
बुंदेलखंड घरौनियां बांटने में सबसे आगे, जानिए टॉप 10 जिले
मैप के बेस पर स्वामित्व योजना के तहत घरौनी बांटने में बुंदेलखंड इलाका अन्य जिलों से आगे।
इस मामले में यूपी के ललितपुर, झांसी और जालौन जिले सबसे आगे हैं।
ललितपुर जिले में 99.9 प्रतिशत काम पूरा।
जालौन में 99.6 प्रतिशत और झांसी जिले में 99.05 प्रतिशत काम पूरा।
मुरादाबाद में 99.03 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और ये चौथे पायदान पर है।
महोबा में 98.7 प्रतिशत काम पूरा करके 5वें स्थान पर है।
बागपत में 98.3 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और ये छठे स्थान पर है।
हमीरपुर में 97.3 प्रतिशत काम पूरा, सातवें स्थान पर है।
संभल आठवें स्थान पर है। यहां 97.4 फीसदी काम पूरा।
शामली नौवें पायदान पर है। यहां 97.04 प्रतिशत काम पूरा।
कासगंज 10वें नंबर पर है। यहां 97 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
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