डीपफेक से सेक्सटॉर्शन, IPS ऑफिसर बन सीनियर सिटीजन को धमकाया, न्यूड महिला ने किया था वीडियो कॉल

Published : Nov 30, 2023, 01:34 PM ISTUpdated : Nov 30, 2023, 01:35 PM IST
Deepfake

सार

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अपराधियों ने डीपफेक वीडियो की मदद से एक सीनियर सिटीजन का सेक्सटॉर्शन किया। उन्हें पहले फेसबुक पर न्यूड महिला का कॉल आया था।

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से डीपफेक की मदद से सेक्सटॉर्शन किए जाने का मामला सामने आया है। अपराधियों ने यूपी पुलिस के एक रिटायर आईपीएस अधिकारी के चेहरे और आवाज वाले डीपफेक वीडियो की मदद से एक सीनियर सिटीजन से पैसे की उगाही की।

पुलिस ने बुधवार को जानकारी दी कि शिकायत मिलते ही इस FIR दर्ज किया गया था और जांच शुरू कर दी गई थी। यह पहला ऐसा मामला है जब डीपफेक को लेकर पुलिस ने केस दर्ज किया है। अपराधियों ने डीपफेक की मदद से गोविंदपुरम में रहने वाले अरविंद शर्मा से पैसे वकूल किए। अरविंद एक कंपनी में क्लर्क के रूप में काम करते हैं। वह अकेले रहते हैं। उन्होंने हाल ही में अपना पहला स्मार्टफोन खरीदा और फेसबुक अकाउंट खोला था।

अरविंद को फेसबुक पर आया था वीडियो कॉल

चार नवंबर को अरविंद को फेसबुक पर एक वीडियो कॉल आया। उन्होंने कॉल रिसीव किया और यह देखकर कि सामने एक नग्न महिला है तुरंत कॉल काट दिया। अपराधियों की साजिश में फंसने के लिए यह पर्याप्त था। एक घंटे बाद उनके व्हाट्सएप पर एक और वीडियो कॉल आया। इस बार वीडियो में पुलिस की वर्दी पहना एक व्यक्ति दिख रहा था। उसने धमकी दी।

अरविंद शर्मा की बेटी मोनिका ने पुलिस को दिए अपनी शिकायत में कहा, "वीडियो में वर्दी पहने व्यक्ति ने कहा कि अगर मेरे पिता ने भुगतान नहीं किया तो वह उनके खिलाफ केस दर्ज कराएंगे। महिलाओं से बात करने का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करेंगे और इसे परिवार के सदस्यों के साथ भी शेयर करेंगे।"

बदनामी के डर से पीड़ित ने दिए पैसे

मोनिका ने बताया कि धमकी दिए जाने के बाद उनके पिता ने बदनामी के डर से कॉल करने वाले द्वारा बताए गए बैंक अकाउंट में पांच हजार रुपए ट्रांस्फर कर दिए। इसके बाद अपराधियों ने 10 हजार रुपए की मांग की। उनके पिता ने वह पैसे भी दे दिए। इसके बाद 50 हजार रुपए की मांग की गई। इतना पैसा जुटाने के लिए अरविंद शर्मा ने अपनी कंपनी से लोन लिया। अपराधियों को 74 हजार रुपए देने के बाद शर्मा को आत्महत्या के खयाल आने लगे। उन्होंने इसके बारे में परिवार को बताया। इसके बाद परिजनों ने Google पर सर्च किया कि कॉल करने वाला आईपीएस अधिकारी कौन था। उन्हें पता चला कि वीडियो में पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश थे। इसके बाद परिवार के लोगों ने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क किया। कविनगर एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी, जिसके बाद मंगलवार को आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

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एसीपी ने कहा, "हम मामले को सुलझाने के लिए साइबर सेल की मदद ले रहे हैं। हमने फोरेंसिक विश्लेषण के लिए वीडियो के साथ विवरण भेजा है। बैंक लेनदेन सहित अन्य जानकारी पर गौर किया जा रहा है। वीडियो को करीब से देखने पर पता चलता है कि आवाज और होठों की हरकत एक साथ नहीं हो रही है।"

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श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस ने अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए गए अकाउंट की जानकारी पाने के लिए मेटा (फेसबुक और व्हाट्सएप की मूल कंपनी) को भी लिखेगी। 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रकाश ने कहा कि उन्हें बुधवार को डीपफेक वीडियो के बारे में पता चला। कुछ जालसाजों ने लोगों से उगाही करने के लिए उनके नाम से एक फेसबुक अकाउंट भी बनाया था।

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