सास-ससुर की सेवा में उठाई कांवड़: मुस्लिम बहू शबनम की सनातन आस्था की अनोखी कहानी

Published : Jul 18, 2025, 12:29 PM IST
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सार

Shabnam Kanwar journey: हरिद्वार से 21 लीटर गंगाजल लेकर आई मुस्लिम महिला शबनम ने अपने सास-ससुर के लिए उठाई कांवड़। सनातन धर्म अपनाकर भोलेनाथ में जताई आस्था, कांवड़ यात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब।

Kanwar Yatra 2025: हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा पर निकलीं गाजियाबाद निवासी शबनम की कहानी हर किसी को सोचने पर मजबूर करती है। पहले मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली शबनम ने जीवन की कठिन परिस्थितियों में जब सहारा खो दिया, तब एक हिंदू परिवार ने उसे अपनाया। उसी परिवार के बेटे पवन से विवाह कर अब शबनम सनातन धर्म की राह पर चल रही हैं।

इस बार सावन की कांवड़ यात्रा में उन्होंने 21 लीटर गंगाजल की कांवड़ उठाई है, वह भी अपने सास-ससुर के लिए। शबनम बताती हैं कि पति पवन और उनके माता-पिता ने उन्हें बेटी की तरह अपनाया, और अब वह भोलेनाथ की भक्ति में पूरी श्रद्धा से डूबी हैं।

क्यों उठाई कांवड़? जवाब में छिपा है एक परिवार का प्यार

शबनम ने बताया कि उनके पहले पति के निधन के बाद समाज से कोई मदद नहीं मिली। उस कठिन समय में पवन और उनके परिवार ने सहारा दिया। सास मंजू और ससुर अशोक कुमार ने बेटी सा प्यार दिया। यही वजह है कि इस वर्ष की कांवड़ यात्रा उन्होंने अपनी कांवड़ सास-ससुर को समर्पित की है।

वे चाहती हैं कि उनका जीवन अपने परिवार की सेवा और शिवभक्ति में बीते। आस्था का यह सफर उनके लिए व्यक्तिगत भी है और आध्यात्मिक भी।

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शिवभक्तों की डगमगाती पीठ, पर न डगमगाई आस्था

नजीबाबाद (बिजनौर) में सावन की शिवरात्रि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, कांवड़ यात्रा की रौनक भी चरम पर है। हरिद्वार से लौटते शिवभक्तों के कंधे भारी गंगाजल कलश से झुके जरूर हैं, लेकिन उनके उत्साह और आस्था में कोई कमी नहीं दिखती।

बृहस्पतिवार को नगर क्षेत्र में कई कांवड़िए 40 लीटर से लेकर 120 लीटर तक की कांवड़ लिए दिखे। 'बम भोले' के जयकारों के साथ शिवभक्त अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।

कहां-कहां से आ रहे हैं कांवड़िए?

नजीबाबाद-बुंदकी मार्ग पर सावन माह में हर वर्ष की तरह इस बार भी कांवड़ियों के जत्थे जुट रहे हैं। मुरादाबाद, काशीपुर, जसपुर, रुद्रपुर, अमरोहा और संभल जैसे क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु कांवड़ लेकर पैदल चल रहे हैं।

इनमें शामिल श्रद्धालुओं का कहना है कि वे अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए भोलेनाथ से मन्नत मांगने आए हैं। शनिवार और रविवार को यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना जताई जा रही है।

क्या कहता है मंदिर प्रशासन?

मोटा महादेव मंदिर के पुजारी शशिनाथ बताते हैं कि रोजाना सैकड़ों शिवभक्त मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। कांवड़ यात्रा के चलते मंदिर परिसर में सुरक्षा और साफ-सफाई के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। उनका मानना है कि इस बार श्रद्धा की ताकत और धार्मिक एकता दोनों देखने को मिल रही है, जो समाज के लिए प्रेरणादायक है।

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