
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में निकाय चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि नामांकन के आखिरी दिन से पहले उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि समाजवादी पार्टी ने इन्हें महपौर का प्रत्याशी भी घोषित किया था मगर रविवार को उन्होंने सपा से नाता तोड़कर हर किसी को चौंका दिया है। रविवार को लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता भी ग्रहण कर ली है। इसकी वजह से समाजवादी पार्टी में खलबली मच गई है।
12 अप्रैल को ही पार्टी ने प्रत्याशी के तौर पर किया था घोषित
निकाय चुनाव में राज्य के शाहजहांपुर जिले से समाजवादी पार्टी ने अर्चना वर्मा को महापौर का प्रत्याशी बनाया था। साल 2005 में अर्चना वर्मा जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। इतना ही नहीं वह चार बार विधायक और सपा सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा के बेटे राजेश वर्मा की पत्नी हैं। राजेश वर्मा साल 2022 के विधानसभा चुनाव में ददरौल सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भी थे। 12 अप्रैल को ही सपा ने महापौर प्रत्याशी के तौर पर अर्चना वर्मा के नाम की घोषणा की थी।
दो साल पहले भी समाजवादी पार्टी को इसी तरह से मिला था धोखा
अर्चना वर्मा को लेकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुटे थे मगर इस तरह से अर्चना ने अपना पाला बदल दिया। आपको बता दें कि दो साल पहले भी सपा इसी तरह से धोखा खा गई थी। दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी को ऐसे ही झटका दिया था। इसी तरह से ऐन समय पर सपा प्रत्याशी वीनू सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। निकाय चुनाव में भी भाजपा ने पुराने दांव से समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दिया है।
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