
Uttar Pradesh home-based business: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब आम लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार ने भवन निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े पुराने नियमों को बदलते हुए ऐसी नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी की है, जिससे आम नागरिकों को घर से ही छोटा कारोबार शुरू करने की आज़ादी मिलेगी। खासतौर पर वे लोग जो वर्षों से घर में दुकान या ऑफिस खोलना चाहते थे, लेकिन नियमों और अनुमति की जटिलताओं की वजह से पीछे हट जाते थे अब उन्हें राहत मिलने वाली है।
सरकार की नई नीति के अनुसार, अब 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर स्थित आवासीय भूखंडों पर व्यावसायिक और अन्य गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी। इसका मतलब साफ है कि ऐसे प्लॉट्स पर अब लोग कानूनी रूप से दुकानें, ऑफिस या छोटे उद्योग शुरू कर सकेंगे। इससे पहले इन गतिविधियों को लेकर नियम स्पष्ट नहीं थे, जिससे लोग अक्सर नगर निगम और अन्य विभागों की सख्ती या शोषण का सामना करते थे। अब जब यह नीति लागू होगी, तो लोगों को स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे और वे बिना डर के अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।
यूपी सरकार की इस नई नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि 45 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर बहुमंज़िला या गगनचुंबी इमारतों का निर्माण किया जा सकेगा। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही कमर्शियल गतिविधियों को भी नया विस्तार मिलेगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह क्रांति लाई जा रही है—सरकार अब ऐसे गांवों में भी उद्योग लगाने की अनुमति देगी जहां सड़क की चौड़ाई 7 मीटर या उससे अधिक है।
नई नीति में एक और अहम बदलाव यह है कि अब कम जमीन पर ज्यादा निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) बढ़ाया जा रहा है और सेटबैक यानी भवन की चारों तरफ खाली छोड़ी जाने वाली जगह को कम किया जा रहा है। इससे छोटे भूखंड पर भी बहु-मंज़िला निर्माण करना संभव होगा। बढ़ती जनसंख्या और सीमित भूमि संसाधनों को देखते हुए यह फैसला व्यावहारिक और दूरदर्शी माना जा रहा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2008 से लागू भवन निर्माण एवं विकास उपविधि अब पुरानी हो चुकी है। योगी सरकार ने इसे पूरी तरह बदलते हुए अब एक नई और आधुनिक उपविधि—भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025—तैयार की है। यह नियम बदलते वक्त, बढ़ती ज़रूरतों और शहरीकरण को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। अब लोगों को भवन निर्माण की अनुमति से लेकर नक्शा पास कराने तक के हर मोर्चे पर सुविधा मिलेगी।
हालांकि यह नीति अभी लागू नहीं हुई है। फिलहाल आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने जनता से इस मसौदे पर सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। अगले 15 दिनों के भीतर कोई भी व्यक्ति लिखित रूप में मुख्य नगर और ग्राम नियोजक को अपने सुझाव भेज सकता है। सरकार का कहना है कि यदि कोई सुझाव उपयोगी पाया गया तो उसे इस नीति में शामिल किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा और उम्मीद है कि अगले महीने इसे मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद यह उपविधि पूरे प्रदेश में लागू कर दी जाएगी, जिससे लोगों को न केवल घर से व्यवसाय शुरू करने की आज़ादी मिलेगी बल्कि रियल एस्टेट और इंडस्ट्री सेक्टर को भी नई ऊर्जा मिलेगी।
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