
लखनऊ: स्पेशल टास्क फोर्स ने सीटेट परीक्षा में अपने स्थान पर सॉल्वर बैठाकर पेपर हल करवाने वाले अभ्यार्थी और सॉल्वर को गिरफ्तार किया। इन्हें लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान जौनपुर के शुभम यादव और बिहार के भभुआ कैमुर के मनीष कुमार के रूप में हुई है। एसटीएफ को इन आरोपियों के पास से 3 कूटरचित आधारकार्ड, 1 पैनकार्ड, 2 सीटेट प्रवेश पत्र, 2 मोबाइल और 650 रुपए बरामद हुए हैं।
लखनऊ के बंथरा से हुआ गिरफ्तार
आपको बता दें कि एसटीएफ को सीटेट परीक्षा में नकल कराने और स्वंय के स्थान पर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा दिलाने वाले गिरोह के बारे में पता चला। जिसके बाद मुखबिरों से जानकारी मिली की बंथरा में अभ्यर्थी शुभम यादव की जगह पर सॉल्वर बैठा हुआ है। इस मामले की जानकारी मिलते ही एसटीएफ की साइबर टीम ने बंथरा से मनीष कुमार खरवार और शुभम यादव को गिरफ्तार किया।
पार्ट टाइम जॉब की तलाश में बना गिरोह का सदस्य
सॉल्वर मनीष कुमार खरवार ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह साल 2016 से कंकड बाग पटना में रहकर सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहा था। हालांकि घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते वह पार्ट टाइम जॉब की तलाश में भी था। इसी बीच उसकी मुलाकात राजीव और सुरेंद्र से हुई। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सॉल्वरों का एक संगठित गिरोह संचालित किया जाता है।
पहले भी कई एग्जाम में हो चुका है शामिल
गिरोह के द्वारा अभ्यार्थी के फॉर्म पर फोटो और बायोमैट्रिक पूर्व में ही सॉल्वर की कराई जाती है। इसी के चलते मूल अभ्यर्थी की जगह पर सॉल्वर को बैठाते समय फोटो और बॉयोमैट्रिक आसानी से मैच हो जाती है। आपोपी ने जानकारी दी कि मूल अभ्यर्थी की पहचान पत्र को फोटोशॉप के माध्यम से एडिट कर सॉल्वर की फोटो को लगा दिया जाता है। इसी के चलते सॉल्वर वहां पकड़ नहीं आता। परीक्षा में बैठने को लेकर 10 से 15 हजार रुपए देने की बात की जाती थी। मनीष ने कहा कि वह पैसों के लालच में 2019 से अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहा है। इससे पहले भी वह कई जगहों पर पेपर दे चुका है।
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