1978 का हाईजैक: जब खिलौना बंदूक से दो युवकों ने hijack किया था plane

1978 में इंदिरा गांधी के जेल जाने के बाद, दो युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदिरा गांधी और संजय गांधी के समर्थन में एक विमान का अपहरण कर लिया। यह घटना देश में एक बड़ी खबर बन गई और हाईजैकर्स को बाद में राजनीतिक ईनाम भी मिला।

Emergency Story of Plane Hijacking: इमरजेंसी का दौर बीत चुका था। देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार सत्ता में आ चुकी थी। जेपी आंदोलन सफल हो चुका था। इमरजेंसी की आरोपी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी तिहाड़ जेल में थीं। कांग्रेस युवा तुर्क संजय गांधी और उनके कुछ साथी केसों की सुनवाई के दौरान कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगा रहे थे। दो युवा कार्यकर्ताओं को अपनी नेता इंदिरा गांधी का जेल होना और संजय गांधी पर मुकदमों का बोझ झेलना नागवार लगा। फिर क्या था, यूथ नेता ने एक खतरनाक प्लान बनाया।

प्लास्टिक के खिलौना से हाईजैक को अंजाम

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युवा भोलानाथ पांडेय ने अपने एक दोस्त देवेंद्र नाथ पांडेय के साथ मिलकर प्लेन हाईजैक की फूलप्रूफ प्लानिंग कर डाली। 20 दिसंबर 1978 का दिन था। दोनों इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 410 में सवार हो गए। कलकत्ता से दिल्ली की फ्लाइट ने शाम में 5.45 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। फ्लाइट अभी दिल्ली से 15 मिनट की दूरी पर थी कि अचानक से दो युवक अपनी सीट से उठ खड़े हुए। दोनों युवक भोलानाथ पांडेय और देवेंद्र नाथ पांडेय, सीधे कॉकपिट तक पहुंचे। एक रिवाल्वर पायलट को दिखाते हुए यह अनाउंस कराया कि प्लेन हाईजैक हो चुकी है। देखते ही देखते पैसेंजर्स डर गए। फ्लाइट में 132 लोग सवार थे। यात्रियों में इमरजेंसी के दौर के पूर्व मंत्री एके सेन और पूर्व मंत्री धरम बीर सिन्हा भी शामिल थे।

हाईजैक तो कर दिया अब फ्लाइट ले कहां जाएंगे यह समझ नहीं पाए

दरअसल, दोनों ने प्लेन हाईजैक तो कर लिया लेकिन उनको समझ में नहीं आ रहा था कि उसे कहां लेकर जाएं। एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट में घुसने के बाद उन्होंने फ्लाइट कैप्टेन से अनाउंसमेंट कराया कि फ्लाइट को हाईजैक कर लिया गया है और वे दिल्ली की जगह पटना जा रहे हैं। इसके कुछ देर बाद कहा गया कि फ्लाइट वाराणसी जाएगी।

फ्लाइट कैप्टन एमएन भट्टीवाला ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कुछ ही देर में अधिकतर पैसेंजर्स उस हाईजैक को मजाक में लेने लगे। दरअसल, हाईजैक करने वाले भी भूगोल भूल चुके थे। वे लोग समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करना है। कुछ नहीं उनको सूझा तो वे भाषण देने लगे और खुद को यूथ कांग्रेस का बताते हुए यह कहा कि अहिंसा पर विश्वास रखते हैं और फ्लाइट में ही इंदिरा गांधी-संजय गांधी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। पैसेंजर्स से तालियां बजवायी। भट्टीवाला ने बताया था कि जब उन लोगों को कहां फ्लाइट लेकर जाएं, यह कंफ्यूजन होने लगा तो कईयों ने तो इधर-उधर जगह सुझाना शुरू कर दिया। एक ने बनारस से नेपाल ले जाने का सुझाव दिया।

सरकार ने गंभीरता से हैंडल किया

प्लेन हाईजैक की सूचना आने के बाद सरकार और मंत्रालय सक्रिय हो गया। कथित हाईजैकर्स से संपर्क करने पर उन लोगों ने मांग रखी कि इंदिरा गांधी को तिहाड़ जेल से रिहा किया जाए और संजय गांधी पर लगाए गए सभी केसों को खत्म किया जाए। बातचीत करने के लिए उनको मनाया गया कि फ्लाइट वाराणसी में लैंड कराई जाए। बनारस में विमान उतारा गया। यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामनरेश यादव पहुंचे। उनसे बातचीत शुरू हुई। कई घंटों की बातचीत के बाद समझौता हुआ। सभी पैसेंजर्स को छोड़ दिया गया।

खिलौना बंदूक से किया था प्लेन हाईजैक, बाद में मिला ईनाम

उस प्लेन हाईजैक की सबसे खास बात यह थी कि टॉय रिवाल्वर से पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया था। हालांकि, कुछ ही घंटों में देश-दुनिया में सुर्खियों में आए भोलानाथ पांडेय और देवेंद्रनाथ पांडेय को कांग्रेस ने ईनाम दिया। उनको यूपी के बलिया जिला के द्वाबा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया और वह जीते। द्वाबा अब बैरिया के नाम से जाना जाता है। कई बार विधायक रहे भोलानाथ पांडेय सांसद भी कांग्रेस के टिकट से चुने गए। वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव थे। उनकी गिनती कांग्रेस के तेज-तर्रार नेताओं में होती थी। देवेंद्र नाथ पांडेय भी दो बार लगातार विधायक रहे। 23 अगस्त 2024 को लखनऊ में उन्होंने अंतिम सांस ली। विधायक बनने के बाद एक इंटरव्यू में भोलानाथ पांडेय ने बताया था कि उनका प्लेन हाईजैक करने का प्लान पूरी तरह से राजनीतिक विरोध का था।

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