एसआईटी की टीम के सामने कई दिनों तक फरार रहे लल्ला गद्दी ने फरारी के दिनों की कहानी बताई। उसने कहा कि कई दिनों तक रिश्तेदारों के घर में रहने के बाद उसने मेडिकल कॉलेज की गैलरी में अपना समय गुजारा।
प्रयागराज: एसआईटी की ओर से कई गई पूछताछ में लल्ला गद्दी ने फरारी के दिनों का हाल सुनाया। लल्ला गद्दी ने बताया कि उसने कई जगह पर मदद की आस में गुहार लगाई लेकिन किसी भी करीबी ने उसे शरण नहीं दी। इसके बाद उसने हल्द्वानी में एक मेडिकल कॉलेज में तीमारदारों की तरह से फर्श पर सोकर अपने दिन गुजारे। हालांकि पुलिस उसके शरणदाताओं की तलाश में भी जुटी हुई है।
केस का पता लगने पर करीबियों ने खड़े कर दिए हाथ
लल्ला गद्दी ने बताया कि मुकदमे में नामजद होने के पता लगने के बाद ही वह बस में बैठकर रामपुर के लिए रवाना हो गया था। इसके बाद वह संभल में परिचितों के घर पर रुका। जब परिचितों को बरेली के केस के बारे में जानकारी लगी तो उन्होंने भी उससे जाने के लिए कह दिया। इसके बाद वह दिल्ली के लिए निकल गया और कई दिनों तक वहां रहा। हालांकि सोशल मीडिया के जरिए वहां भी शरण देने वालों तक मुकदमे की जानकारी पहुंच गई। इसके बाद उनके द्वारा भी हाथ खड़े कर दिए गए। इसके बाद वह बस में बैठकर हल्द्वानी मदद की आस में पहुंचा। लेकिन उसके करीबियों ने शरण देने से इंकार कर दिया।
अस्पताल में गुजार दिए कई दिन
लल्ला गद्दी को खतरा था कि यदि वह होटल में रुकता है तो उसकी पहचान उजागर हो जाएगी। लिहाजा वह सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में पहुंचा जहां पर काफी भीड़ थी। अस्पताल की गैलरी में ही फर्श पर सोकर उसने कई दिन गुजारे। वह गिरफ्तारी से दो दिन पूर्व ही बरेली आया था। वहीं इस बीच पुलिस का कहना है कि लल्ला के पास दो मोबाइल थे। इस मोबाइल में फरवरी में एक और मार्च में दूसरे मोबाइल में नया सिम डालकर चलाने की पुष्टि हुई। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह अफना एक मोबाइल वकील को देकर गया था। दूसरे मोबाइल से वह सिर्फ चुनिंदा लोगों से ही बातचीत करता था। वहीं पुलिस वकील से वह मोबाइल लेकर उसे लैब में भेजेगी। पुलिस उन मैसेज को भी रिकवर करने का प्रयास कर रही है जो डिलीट किए जा चुके हैं।