
महाकुम्भनगर, 12 फरवरी। महाकुम्भ-2025 में दिव्यता, भव्यता और कुशल जनप्रबंधन का जो अध्याय लिखा जा रहा है वह देश भर से आ रहे स्नानार्थियों के लिए सुखद कौतुहल का विषय बन गया है। देश भर से त्रिवेणी संगम में माघ पूर्णिमा के अवसर पर स्नान करने आए श्रद्धालु सीएम योगी द्वारा की गई उच्च कोटि के प्रबंध की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल से आए एक श्रद्धालु ने तो यहां तक कह दिया कि महाकुम्भ से सीख लेकर गंगासागर मेले में भी पश्चिम बंगाल सरकार को इसी प्रकार की व्यवस्थाएं करनी चाहिए।
वैसे तो, सीएम योगी की कार्यशैली हर आयुवर्ग और समाज के विभिन्न तबकों के लोगों को अपना मुरीद बना रही है मगर युवा उनसे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं जिसकी बानगी बुधवार को संगम तट पर देखने को मिली जहां देश भर से आए युवा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ स्नान को अमिट स्मृति बताते हुए इसे सफल बनाने के लिए सीएम योगी का तहेदिल से आभार जताया।
जयपुर से संगम में स्नान करने आए श्रद्धालु राजकुमार प्रतापति ने बताया कि यहां व्यवस्था बेहद अच्छी है। इतनी भीड़ होने के बाद भी किसी प्रकार की असुविधा का सामना उन्हें नहीं करना पड़ा। निश्चित तौर पर इसके लिए सीएम योगी बधाई के पात्र हैं। वहीं, मुंबई से आई भाविका शाह ने कहा कि माघ पूर्णिमा पर स्नान करना विशिष्ट अनुभव रहा। जब हम यहां आ रहे थे तो मन में कई प्रकार की शंकाएं थीं मगर यहां आकर किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। घाटों पर भारी भीड़ में भी ब्रीदेबल स्पेस है, चेंजिंग रूम भी प्रॉपर हैं। इतना बड़ा क्राउड मैनेज करना बहुत बड़ा टास्क है और सीएम योगी इस पर पूरी तरह खरे उतरे हैं।
पश्चिम बंगाल से संगम स्नान करने आए श्रद्धालुओं के दल ने कहा कि यहां आने से पूर्व कुछ शंकाएं थीं मगर अब वास्तविकता को खुद अनुभूत करने का अवसर मिला। प्रशासनिक व्यवस्था उच्च स्तरीय है जिसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र हैं। वहीं, एक अन्य स्नानार्थी ने कहा कि दावे किए जा रहे थे कि प्रयागराज में संगम स्नान करने के लिए 30-35 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है, मगर ऐसा बिलकुल नहीं है। उनके अनुसार, मुझे स्टेशन तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हुई। स्टेशन से साधन भी आराम से मिल गया और मात्र 3 किलोमीटर पैदल चलकर संगम में स्नान करने का अवसर भी मिल गया। यह सभी कुशल प्रबंधन और सीएम योगी के प्रयासों के कुशल क्रियान्वयन का ही नतीजा है। कुछ श्रद्धालुओं ने तो पूरी प्रक्रिया को यथावत बनाए रखने के लिए खुद ही जनता से अपील की कि सभी नियमों का पालन करें व पुलिस तथा प्रशासन का सहयोग करें।
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