इलाहाबाद हाईकोर्ट: 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट रद्द, हजारों नौकरियों पर संकट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के 69 हजार शिक्षकों की भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है। कोर्ट ने आरक्षण नियमों का पालन न करने पर यह फैसला सुनाया है और तीन महीने में नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 16, 2024 5:20 PM IST / Updated: Aug 17 2024, 03:15 PM IST

Teachers recruitment Merit list: यूपी के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे 69 हजार शिक्षकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती की मेरिट को रद्द कर दिया है। अपने फैसले में कोर्ट ने तीन महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है। शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाला का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट से फैसला से चार साल से नौकरी कर रहे हजारों शिक्षकों की नौकरी पर संकट मंडराने लगा है।

हाईकोर्ट के डबल बेंच ने पाया कि प्रदेश के 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमावलि 1994 की धारा 3-6 और बेसिक शिक्षा नियमावलि 1981 का पालन नहीं किया गया है। कोर्ट ने मेरिट लिस्ट को रद्द करते हुए नए सिरे से मेरिट बनाने का आदेश दिया।

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4.10 लाख अभ्यर्थियों ने शिक्षक बनने के लिए किया था आवेदन

69 हजार शिक्षकों को सरकार ने दिसंबर 2018 में भर्ती प्रक्रिया को पूरी करते हुए जनवरी 2019 में नियुक्ति दे दी थी। हालांकि, शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट आने के बाद से ही विवाद खड़ा हो गया। अभ्यर्थियों ने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए 19 हजार पदों के आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। आरोप था कि रिक्रूटमेंट के दौरान ओबीसी और अनुसूचित जाति आरक्षण को कम कर दिया गया।

शिक्षक भर्ती में 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था जिसमें 1.40 लाख अभ्यर्थी सफल हुए थे। इन सफल अभ्यर्थियों के लिए मेरिट लिस्ट जारी की गई थी। लेकिन आरक्षण में गड़बड़ी के चलते तमाम अभ्यर्थियों के नाम मेरिट से बाहर कर दिया गया।

कोर्ट ने माना कि हुई है गड़बड़ी

मेरिट लिस्ट में आरक्षण को लेकर गड़बड़ियों के खिलाफ अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया लेकिन यूपी सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। यूपी सरकार के रवैया से नाराज होकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अभ्यर्थियों की याचिका के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने माना कि भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ है और फिर से पूरी मेरिट जारी होनी चाहिए। हालांकि, हाई कोर्ट के आदेश को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने माना कि भर्ती में 6800 पदों पर आरक्षण में गड़बड़ी हुई है और कहा कि इनका मेरिट फिर से जारी किया जाएगा।

परंतु अभ्यर्थियों ने सरकार के फैसले से नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया कि 19 हजार पदों पर गड़बड़ी हुई है। इसके बाद वे लोग फिर हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 6800 पदों की मेरिट पर रोक लगा दी। 19 मार्च 2024 को सुनवाई के दौरान इस मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। 12 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने भी माना कि आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है।

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