
Agra Conversion Mastermind Arrest: एक साधारण सी लड़की, जिसने एमएससी डाटा साइंस में दाखिला लिया था, कैसे बन गई कट्टर विचारधारा का चेहरा? कश्मीरी छात्राओं के संपर्क में आने के बाद बदली सोच, नाम बदला और धर्म भी। गोवा की एसबी कृष्णा कब बनी 'आयशा', कैसे फंडिंग की पूरी गैंग को, और कैसे व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए चला रही थी धर्मांतरण ऑपरेशन-अब सबकुछ सामने आ रहा है। उत्तर प्रदेश के आगरा से शुरू होकर दिल्ली, गोवा, कोलकाता और कश्मीर तक फैले अवैध धर्मांतरण गिरोह का बड़ा खुलासा हुआ है। मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान और गोवा की SB कृष्णा उर्फ आयशा सहित 10 आरोपियों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गहराते नेटवर्क में प्यार, ब्रेनवॉश, फंडिंग और विदेशी संबंधों की परतें चौंकाने वाली हैं।
SB कृष्णा उर्फ आयशा, जो मूल रूप से गोवा की रहने वाली है, पंजाब यूनिवर्सिटी में एमएससी डाटा साइंस की छात्रा थी। यहां उसकी मुलाकात कश्मीर से आई कुछ छात्राओं से हुई, जिन्होंने कथित रूप से उसका मानसिक रूप से ब्रेनवॉश किया। वह कश्मीरी छात्राओं के साथ कश्मीर तक चली गई और वहीं से अवैध धर्मांतरण नेटवर्क की शुरुआत हुई।
दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान ने SB कृष्णा को इस गिरोह के लिए फाइनेंशियल हब का मुखिया बनाया। आयशा ही विभिन्न व्हाट्सऐप ग्रुपों के ज़रिए नए युवाओं से संपर्क करती थी और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करती थी। वह देशभर में ट्रैवल कर संभावित शिकार को फंड और लॉजिस्टिक मदद उपलब्ध कराती थी।
आगरा पुलिस की छानबीन में खुलासा हुआ कि आयशा के ग्रुपों में धर्मांतरण की तकनीकें, इस्लामिक साहित्य और प्रेरणादायक वीडियो शेयर किए जाते थे। उससे जुड़े अन्य सदस्य-रीथ बनिक उर्फ इब्राहिम, पियूष पंवार उर्फ मोहम्मद अली-पहले प्यार के जाल में युवतियों को फंसाते और फिर उनका ब्रेनवॉश कर इस नेटवर्क का हिस्सा बनाते।
इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान कोई आम अपराधी नहीं है। वह 1973 में महेंद्र पाल जादौन के रूप में फिरोजाबाद में पैदा हुआ था। पहले ईसाई बना और फिर 1990 में मुस्लिम धर्म अपनाया। दिल्ली में मजदूरी के दौरान वह मौलाना कलीम सिद्दीकी से जुड़ा और धीरे-धीरे पूरे गिरोह का संचालन करने लगा।
पुलिस ने जब रहमान के घर की तलाशी ली तो भारी मात्रा में इस्लामिक प्रचार-साहित्य मिला। इनमें से कई किताबें कलीम सिद्दीकी और जाकिर नाइक की लिखी हुई हैं। बताया जा रहा है कि वह शाहीन बाग स्थित ग्लोबल पीस सेंटर से संचालन करता था। कलीम सिद्दीकी पहले से ही सामूहिक धर्मांतरण केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
गिरोह के 10 सदस्य यूपी पुलिस की "मिशन अस्मिता" के तहत 10 आरोपियों को 10 दिन की रिमांड पर लिया गया है। इनसे मोबाइल चैट्स, बैंक ट्रांजैक्शन, धार्मिक साहित्य और विदेशी फंडिंग जैसे विषयों पर पूछताछ की जा रही है। पुलिस अब कनाडा और खाड़ी देशों से लिंक की भी जांच कर रही है।
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