
UP weather alert: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। खासकर तराई क्षेत्रों में तेज बारिश ने जहां राहत दी है, वहीं जनजीवन को भी मुश्किल में डाल दिया है। मौसम विभाग ने सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और मुरादाबाद समेत कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है, जिससे प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है।
जुलाई के पहले पखवाड़े में उत्तर प्रदेश में अच्छी बारिश हुई थी, लेकिन बीच में कुछ दिनों तक बारिश थमी रही। अब एक बार फिर पश्चिमी यूपी के तराई इलाकों में बादलों की गरज के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। इससे जलभराव, सड़कों पर कीचड़ और फसल क्षति जैसी समस्याएं सामने आने लगी हैं। सबसे अधिक असर उन जिलों पर पड़ा है, जो पहले से निचले और बाढ़ प्रभावित माने जाते हैं।
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मौसम विभाग ने सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और मुरादाबाद जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा बागपत, मेरठ, अमरोहा, रामपुर, बरेली जैसे जिलों में भी मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
वहीं उत्तर प्रदेश के 56 जिलों में वज्रपात (आकाशीय बिजली गिरने) की चेतावनी भी दी गई है। लोगों को सलाह दी गई है कि बिजली चमकने के दौरान खुले में न रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
लगातार हो रही तेज बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है। गंगा, यमुना, घाघरा और शारदा जैसी नदियों के किनारे बसे इलाकों में पानी खतरे के निशान के करीब है। लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती और बलरामपुर में तो स्थिति ज्यादा संवेदनशील मानी जा रही है।
प्रशासन ने NDRF और SDRF की टीमें तैनात कर दी हैं और नावें व राहत सामग्री पहले से तैयार रखी गई है। गांवों में जलभराव से लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
भारी बारिश ने खेतों में खड़ी फसलों पर भी कहर बरपाया है। धान की रोपाई वाले क्षेत्रों में अत्यधिक जलभराव के कारण पौधे सड़ने लगे हैं। कुछ जगहों पर तो खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। कृषि विभाग ने फसल क्षति का सर्वे शुरू कर दिया है, ताकि प्रभावित किसानों को जल्द मुआवजा दिया जा सके।
जहां-जहां जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है, वहां जिला प्रशासन स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार कर रहा है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बीएसए और डीआईओएस को निर्देश जारी किए गए हैं।
राज्य सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है। राजस्व, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें निगरानी में जुटी हैं। निचले इलाकों में राहत शिविर बनाए जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर लोगों को वहां शिफ्ट किया जा रहा है।
प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि:
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