असली पैकेट नकली घी? बाप रे बाप! कहीं आप भी तो नहीं खा रहे ज़हर?

Published : Jan 03, 2025, 11:38 AM IST
UP Agra tazganj fake desi ghee factory arrest 18 brands packaging chemical mix

सार

आगरा में नकली देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़। 18 मशहूर ब्रांड्स के नाम पर रिफाइंड और केमिकल से बन रहा था नकली घी। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

आगरा | ताजगंज के मारुति सिटी रोड पर एक नवविकसित कॉलोनी के प्लॉट में नकली देसी घी का कारोबार चल रहा था, जिसे पुलिस और एसओजी की टीम ने छापा मारकर उजागर किया है। इस मामले में अमूल, मधुसूदन, पतंजलि समेत 18 मशहूर ब्रांड्स के नाम की पैकिंग में मिलावट करके देसी घी तैयार किया जा रहा था। घी में रिफाइंड और अन्य केमिकल्स की मिलावट की जाती थी। पुलिस ने फैक्टरी के मैनेजर सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

कैसे चल रहा था नकली घी का कारोबार?

डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि मारुति सिटी रोड स्थित मारुति प्रभासम कॉलोनी में राजेश अग्रवाल नामक व्यक्ति के प्लॉट पर टिनशेड डालकर एक फैक्टरी चलाई जा रही थी। यह प्लॉट किराए पर लिया गया था। पूछताछ में सामने आया कि ग्वालियर निवासी बृजेश अग्रवाल, पंकज अग्रवाल और नीरज अग्रवाल ने करीब 6 महीने पहले "प्योर इट" नामक ब्रांड के तहत इस फैक्टरी की शुरुआत की थी। यहां पर हर ब्रांड की डिमांड के मुताबिक उसी ब्रांड के स्टीकर लगाकर नकली देसी घी को पैक किया जाता था।

पुलिस ने छापे में भारी मात्रा में तैयार नकली घी, कच्चा माल, कई कंपनियों के स्टीकर, पैकिंग मशीनें, और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। इनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। पुलिस ने फैक्टरी के संचालकों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एफएसडीए की टीम को भी कार्रवाई के लिए बुलाया गया है।

चोरी छिपे भेजी जा रही थी खेप

पुलिस ने यह भी बताया कि छापे से कुछ देर पहले ही 50 टिन नकली घी की खेप मेरठ भेजी गई थी। पुलिस अब उस खेप की बरामदगी के प्रयास कर रही है। यह नकली देसी घी प्रदेश और आसपास के राज्यों में सप्लाई किया जा रहा था।

जानिए कैसे बनाते थे नकली देसी घी?

डीसीपी ने बताया कि जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो घी की खुशबू से उन्हें भी एक पल के लिए यह भ्रम हो गया कि यह असली देसी घी है। लेकिन जब आरोपियों से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि असली देसी घी की पहचान सिर्फ खुशबू और दानों से होती है। आरोपियों ने बताया कि वे पॉम ऑयल, रिफाइंड, वनस्पति और एसेंस मिलाकर नकली देसी घी तैयार करते थे। यह घी असली जैसा दिखता था क्योंकि उसमें एसेंस मिलाया जाता था, ताकि उसकी खुशबू भी असली जैसी आ सके।

पुरानी एक्सपाइरी डेट का माल भी किया जाता था उपयोग

इसके अलावा, आरोपियों ने बताया कि वे एक्सपाइरी डेट के रिफाइंड ऑयल का भी इस्तेमाल करते थे, क्योंकि यह सस्ता मिलता था। इस प्रकार से वे किफायती तरीके से नकली देसी घी तैयार करते थे, जिसे बाजार में उच्च गुणवत्ता के नाम से बेचा जाता था। पुलिस ने इस घिनौने कारोबार का भंडाफोड़ किया है, और अब आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।

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