
Fertilizer Supply In Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की सियासत में किसानों का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के कार्यकाल में किसान न तो समय से बोआई कर पाते थे और न ही उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी मिलती थी।
कृषि मंत्री ने बताया कि अखिलेश सरकार की नीतियों की वजह से किसान कर्ज के बोझ तले दबे रहे। उस समय कई किसानों को आत्महत्या तक करनी पड़ी। शाही ने दावा किया कि योगी सरकार बनने के बाद अब तक 86 लाख किसानों का करीब 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है।
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मंत्री ने साफ किया कि प्रदेश में खाद और यूरिया की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि समस्या केवल जमाखोरी और कालाबाजारी की वजह से होती है। अब तक 1196 फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त, 132 थोक विक्रेताओं को नोटिस, 13 को निलंबन और 4 के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, खाद-यूरिया की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ 93 मुकदमे दर्ज हुए हैं।
सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि महाराजगंज और सिद्धार्थनगर जैसे सीमावर्ती जिलों में खाद की तस्करी के मामले सामने आए हैं। कई लोगों ने बिना खेती के भी यूरिया की बोरी उठाई। मंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे तस्करों और माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा।
वर्तमान में प्रदेश में 15.91 लाख मीट्रिक टन विभिन्न प्रकार के फर्टिलाइजर उपलब्ध हैं। खरीफ 2024 में अब तक 32.07 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री हो चुकी है, जो पिछले साल से लगभग साढ़े चार लाख मीट्रिक टन ज्यादा है। सरकार का दावा है कि किसी भी किसान को खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि रबी 2025-26 के लिए 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को 10 लाख क्विंटल अनुदानित बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा लगभग 12.80 लाख मिनी किट भी वितरित की जाएंगी।
शाही ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार यूरिया पर 1908 रुपये प्रति बोरी तक सब्सिडी दे रही है। किसानों को यह मात्र 266 रुपये में उपलब्ध है। डीएपी, एनपीके और पोटाश पर भी बड़ी मात्रा में सब्सिडी दी जा रही है ताकि किसानों पर बोझ न पड़े।
बेहतर बीज, खाद और सिंचाई सुविधाओं की बदौलत प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन 737 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में करीब 200 लाख मीट्रिक टन अधिक है। गन्ना उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की गई है। मंत्री ने दावा किया कि कृषि क्षेत्र से जुड़े GSVA में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जो सपा सरकार के दौरान दो लाख करोड़ था और अब बढ़कर सात लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
अंत में कृषि मंत्री ने दोहराया कि योगी सरकार किसानों को हर हाल में सुरक्षित और सहयोगी माहौल देगी। उन्होंने कहा कि जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, लेकिन असली किसानों को समय पर खाद और बीज की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
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