बीजेपी द्वारा उद्योगपति कृपाशंकर सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के ऐलान के बाद धनंजय सिंह ने जौनपुर से स्वयं चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। लेकिन एक मामले में जेल हो जाने के बाद पूर्व सांसद ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार दिया था।
Jaunpur Lok Sabha election: पूर्वांचल के बाहुबली नेता पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करने का ऐलान किया है। मंगलवार को अपने समर्थकों की मीटिंग कर धनंजय सिंह ने यह ऐलान किया। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को बसपा ने जौनपुर से प्रत्याशी बनाया था लेकिन बाद में उनका टिकट काट दिया था। बीजेपी द्वारा उद्योगपति कृपाशंकर सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के ऐलान के बाद धनंजय सिंह ने जौनपुर से स्वयं चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। लेकिन एक मामले में जेल हो जाने के बाद पूर्व सांसद ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार दिया था।
श्रीकला रेड्डी को चुनाव मैदान में उतारा था धनंजय ने
धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी को जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा था। बहुजन समाज पार्टी ने श्रीकला रेड्डी को प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन कुछ ही दिनों बाद बसपा ने अचानक धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला का टिकट काटकर पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव को कैंडिडेट बना दिया। जौनपुर की राजनीति में अचानक आए इस मोड़ के बाद श्रीकला के निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलें लगने लगी थी लेकिन बीजेपी के साथ धनंजय सिंह की नजदीकियों की खबरें भी आने लगीं। इसी बीच श्रीकला रेड्डी ने पर्चा न दाखिल करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद जेल से बाहर आए धनंजय सिंह के रूख पर सबकी नजरें थी।
अपहरण और रंगदारी के मामले में जेल गए थे
दरअसल, जौनपुर से धनंजय सिंह ने खुद की प्रत्याशिता का ऐलान कर दिया था। लेकिन 6 मार्च को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल अपहरण कांड में दोषी करार दिए गए। इसके बाद उनको तुरंत जेल भेज दिया गया। अभिनव सिंघल, नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर थे। 2020 में अभिनव ने अपने अपहरण और रंगदारी का एफआईआर दर्ज कराया था। पीड़ित अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को पूर्व सांसद धनंजय सिंह व उनके साथी विक्रम पर एफआईआर दर्ज कराया था। मुजफ्फरनगर के रहने वाले सिंघल, नमामि गंगे प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि विक्रम अपने दो साथियों के साथ उनका अपहरण कर धनंजय सिंह के आवास पर लेकर गए। आवास पर धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए घटिया सामग्री की सप्लाई का दबाव बनाया। इनकार करने पर धमकी देने लगे और फिर रंगदारी मांगी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर धनंजय सिंह को अरेस्ट किया था लेकिन बाद में उनको जमानत मिल गई थी।
6 मार्च से जौनपुर जेल में थे धनंजय
धनंजय सिंह अपहरण केस में दोषी करार दिए जाने के बाद 6 मार्च से जौनपुर जेल में थे। बाद में उनको बरेली जेल शिफ्ट किया जाने लगा था लेकिन उसी दिन उनको हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। हालांकि, उनकी सजा पर कोई रोक नहीं लगी। इसलिए वह खुद भी चुनाव नहीं लड़ सकते। उधर, सूत्रों का दावा है कि धनंजय सिंह के खिलाफ ईडी सहित कई एजेंसियों की जांच लंबित है। अंदरखाने में सत्ताधारी दल से उनका समझौता चुनाव नहीं लड़ने पर हुआ है। हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
यह भी पढ़ें:
पीएम मोदी ने अपनी संपत्ति और आमदनी के साथ मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की भी कर दी घोषणा