
अब वो समय गया जब किसान सिर्फ पारंपरिक खेती पर निर्भर रहते थे। भारत सरकार और राज्य सरकारें धीरे-धीरे किसानों को बागवानी की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को केले की खेती पर आकर्षक सब्सिडी देने का ऐलान किया है। पोषण से भरपूर और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण केले की खेती अब कम लागत में बड़े मुनाफे का साधन बन सकती है।
उत्तर प्रदेश सरकार के एकीकृत बागवानी मिशन के तहत, केले का बाग लगाने की लागत प्रति हेक्टेयर लगभग ₹1,02,462 तय की गई है। इस पर किसानों को 40% की सब्सिडी, यानी ₹40,985 का अनुदान मिलेगा। यह राशि दो किस्तों में दी जाती है:
बाकी खर्च किसान को अपनी ओर से वहन करना होगा। सरकार यह रकम सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजती है।
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केले की खेती का सबसे बड़ा फायदा इसका तेज़ रिटर्न है। बुवाई के 11 से 12 महीने बाद ही फसल तोड़ने लायक हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक हेक्टेयर में किसान 30 से 60 टन तक केला उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सही प्रबंधन और बाजार दर के अनुसार किसान ₹5 लाख तक का वार्षिक मुनाफा कमा सकते हैं।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज़ तैयार रखने होंगे:
स्वीकृति के बाद किसान को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित संस्था से टिश्यू कल्चर केले के पौधे खरीदने होते हैं। खरीदी का बिल वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। सत्यापन पूरा होने पर सब्सिडी की राशि किसान के खाते में दो किस्तों में भेज दी जाती है।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल किसानों को पारंपरिक फसलों से हटकर बागवानी और फलों की खेती की दिशा में प्रोत्साहित करती है। केले की खेती न केवल पौष्टिक लाभ देती है बल्कि यह आर्थिक रूप से भी किसानों के लिए सुनहरा अवसर बन सकती है। अगर किसान सही समय पर योजना में आवेदन करें, तो वे बहुत कम लागत में अपने खेतों से अधिकतम मुनाफा कमा सकते हैं।
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