
new house construction rules UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए छोटे प्लॉट पर निर्माण की प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया है। अब 5000 वर्ग फुट तक के आवासीय और 2000 वर्ग फुट तक के कमर्शियल प्लॉट्स पर निर्माण के लिए विकास प्राधिकरण से नक्शा पास करवाने की जरूरत नहीं होगी। केवल पंजीकृत आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाना ही पर्याप्त होगा।
इतना ही नहीं, 1000 वर्ग फुट तक के आवासीय और 3000 वर्ग फुट तक के कमर्शियल प्लॉट्स पर भवन निर्माण के लिए सिर्फ रजिस्ट्रेशन ही काफी होगा। इससे आम नागरिकों और छोटे निवेशकों को बड़ा फायदा मिलने वाला है।
सरकार ने मिक्स्ड लैंड यूज को भी नियमों का हिस्सा बना लिया है। अब 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 24 मीटर चौड़ी सड़कों, और इससे कम आबादी वाले शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे स्थित प्लॉटों पर रिहायशी और कमर्शियल दोनों तरह की गतिविधियां संभव होंगी। इससे मकान में दुकान खोलने, ऑफिस या क्लिनिक चलाने का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पारित 'भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025' के बाद लखनऊ में दिल्ली और मुंबई की तर्ज पर गगनचुंबी इमारतों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। शहीद पथ, किसान पथ और आउटर रिंग रोड के दोनों तरफ अब ऊंची और भव्य इमारतें बनाई जा सकेंगी।
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किसान पथ, जो लखनऊ के बाहरी इलाकों से गुजरता है, वहां पहले से ही रेजिडेंशियल प्लॉट्स की मांग में इजाफा देखा जा रहा है। 104 किलोमीटर लंबी 8 लेन की इस सड़क के पास सरकार ग्रीन कॉरिडोर और IIM रोड से शहीद पथ तक 4 लेन सड़क जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है। इन बदलावों से एचसीएल, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोमती नदी क्षेत्र, विराज खंड और मल्हौर जैसे इलाकों को सीधा लाभ मिलेगा।
भवन नक्शा पास करने की प्रक्रिया में विभागीय देरी को रोकने के लिए हर विभाग को NOC देने की समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। अलग-अलग विभागों के लिए 7 से 15 दिन की सीमा तय की गई है। इस समयावधि में उत्तर नहीं मिलने पर स्वतः NOC मान ली जाएगी, जिससे निर्माण की प्रक्रिया तेज़ होगी।
पहले जहां अपार्टमेंट निर्माण के लिए 2000 वर्ग मीटर का प्लॉट जरूरी होता था, वहीं अब 1000 वर्ग मीटर पर भी इसकी मंजूरी दी जाएगी। हॉस्पिटल या कमर्शियल बिल्डिंग निर्माण के लिए अब 3000 वर्ग मीटर का प्लॉट ही पर्याप्त होगा।
अब 24 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे जितनी ऊंची चाहें उतनी ऊंची इमारत बनाई जा सकेगी। फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को भी 3 गुना तक बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब है कि एक ही प्लॉट पर पहले से कहीं ज्यादा क्षेत्रफल में निर्माण संभव हो सकेगा।
नए नियमों के अनुसार अब रिहायशी जमीन पर भी कमर्शियल गतिविधियां की जा सकेंगी, बशर्ते प्लॉट चौड़ी सड़कों के किनारे हो। गोमती नगर, एलडीए कॉलोनी, कृष्णा नगर जैसे इलाकों में पहले से मौजूद दुकानों को अब वैधता मिल गई है। साथ ही, वकील, डॉक्टर, आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल्स अब अपने घर से ऑफिस या क्लीनिक भी खोल सकेंगे।
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