
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्र हित में एक और अहम निर्णय लिया है। समाज कल्याण विभाग ने शैक्षिक सत्र 2025–26 की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत उन पात्र छात्र-छात्राओं को दोबारा अवसर देने का फैसला किया है, जो समय पर मास्टर डेटा लॉक न होने के कारण छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे। इसके लिए विभाग ने संशोधित समय-सारिणी जारी की है।
यह संशोधित व्यवस्था सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अल्पसंख्यक वर्ग, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के सभी पात्र विद्यार्थियों पर समान रूप से लागू होगी। सरकार का उद्देश्य साफ है कि कोई भी योग्य छात्र सिर्फ आर्थिक कारणों से अपनी पढ़ाई से वंचित न रहे।
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि यह संशोधित कार्यक्रम छात्रवृत्ति प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सरल, त्रुटिरहित और समयबद्ध बनाएगा। इससे पात्र विद्यार्थियों को योजना का लाभ तय समय पर मिल सकेगा।
समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक आनंद कुमार सिंह के अनुसार, शिक्षण संस्थान 23 दिसंबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक मास्टर डेटा तैयार करेंगे।विश्वविद्यालय और एफिलिएटिंग एजेंसियां 23 दिसंबर से 9 जनवरी 2026 तक फीस और छात्र संख्या का सत्यापन करेंगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा अंतिम सत्यापन 15 जनवरी 2026 तक पूरा किया जाएगा।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र 31 मार्च 2026 तक आवेदन कर सकेंगे। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इन वर्गों के छात्रों को 22 जून 2026 तक छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि प्रदान की जाएगी। यह निर्णय सामाजिक न्याय के प्रति योगी सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उपनिदेशक आनंद कुमार सिंह ने सभी शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों और विद्यार्थियों से अपील की है कि वे जारी की गई समय-सारिणी का सख्ती से पालन करें, ताकि छात्रवृत्ति प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी की जा सके।
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