
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि “चैट जीपीटी से राजनीति नहीं की जा सकती, राजनीति के लिए अध्ययन और समझ जरूरी होती है।” डिप्टी सीएम ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का पढ़ाई-लिखाई और अध्ययन से कोई संबंध नहीं है। अखिलेश यादव केवल कट-पेस्ट की राजनीति करते हैं।
बृजेश पाठक ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं और बेटियां पहले से ज्यादा सुरक्षित हैं, और यह केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त कानून व्यवस्था की वजह से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि अब यूपी की कानून व्यवस्था पूरे देश में चर्चा का विषय है। सपा पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सपा शासनकाल में प्रदेश की राजनीति का इस्लामीकरण किया गया था, लेकिन अब जनता सच्चाई जान चुकी है।
डिप्टी सीएम ने अखिलेश यादव के SIR (Special Intensive Revision) के विरोध पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सपा नहीं चाहती कि मतदाता सूची पारदर्शी बने। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी घुसपैठियों के वोटों के सहारे चुनाव जीतना चाहती है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान करें, जबकि सपा और कांग्रेस फर्जी वोटरों के सहारे राजनीति कर रही हैं।
बृजेश पाठक ने अखिलेश यादव से सवाल पूछा कि आपने कभी PFI या SIMI जैसे संगठनों को लेकर अपना रुख स्पष्ट क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा वोट बैंक की राजनीति करती है, लेकिन समय आने पर जनता इसका जवाब जरूर देगी।
बृजेश पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव को देश का इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी स्थापना के बाद से राष्ट्रवाद को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। डिप्टी सीएम के अनुसार, आरएसएस आज दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है, जो राष्ट्र की एकता और राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करता है।
डिप्टी सीएम ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 2012 से 2017 के बीच सपा सरकार ने आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए, जिन्होंने वाराणसी, अयोध्या और लखनऊ में बम विस्फोट किए थे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा आतंकवादियों की भाषा बोली और वोट बैंक की राजनीति की है। पाठक ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश की जनता ऐसे दलों को कभी मौका नहीं देगी।
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