
Chhangur Baba conversion racket: कभी सड़कों पर अंगूठी और नग बेचने वाला शख्स आज करोड़ों की काली कमाई, विदेशी कनेक्शन और सैकड़ों धर्मांतरण के मामलों का केंद्र बन चुका है। नाम है जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, जो अब अवैध धर्मांतरण रैकेट का सरगना माना जा रहा है। उसकी कहानी किसी अंडरवर्ल्ड माफिया स्क्रिप्ट से कम नहीं है, और यूपी एटीएस की जांच में जो सामने आया है, वो चौंकाने वाला है।
बलरामपुर के मधपुर गांव में फैली छांगुर बाबा की आलीशान कोठी किसी किले से कम नहीं थी।
यही नहीं, बाबा ने अपने नेटवर्क को चलाने के लिए 50 युवकों की विशेष टास्क फोर्स तैयार की थी। इन ‘आध्यात्मिक सैनिकों’ को कोठी में ही रखा जाता था और हर सुविधा मुफ्त दी जाती थी। ये युवक बाबा के हर आदेश को अंतिम आदेश मानते थे।
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बाबा की कोठी ही उसका मुख्य ऑपरेशन हब थी, जहां से वह धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहा था। जांच में सामने आया कि कोठी का एक हिस्सा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए तीन दिन तक चले बुलडोजर अभियान में इसे ध्वस्त कर दिया।
ATS को जांच में पता चला कि बाबा ने जिन 50 युवकों की फोर्स बनाई थी, उन्हें मानसिक और वैचारिक रूप से इस कदर प्रभावित किया गया था कि वे बिना सवाल हर आदेश का पालन करते थे।
ATS की जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बाबा ने धर्मांतरण के लिए एक जाति आधारित रेट लिस्ट बनाई थी:
धन, नौकरी, शादी और विदेश भेजने के लालच से लोगों को फंसाया जाता था। प्रेमजाल और विवाह का वादा कर जबरन मतांतरण करवाया जाता था।
ATS और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा और उसके साथियों ने:
अब ED मनी लॉन्ड्रिंग और NIA टेरर फंडिंग के एंगल से जांच कर रही है।
बाबा अपने साथियों से कोडवर्ड में बातचीत करता था:
इसके जरिए नेटवर्क को गोपनीय और पुलिस से बचाकर संचालित किया जाता था। युवाओं को इस्लामी शिक्षण संस्थानों में मुफ्त पढ़ाई और विदेश में काम का सपना दिखाया जाता था।
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