
Uttar Pradesh rain alert: उत्तर भारत में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि शनिवार से बारिश का दायरा केवल दक्षिण भारत या मध्य भारत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड, विंध्य और पूर्वी जिलों में भी सक्रिय रूप से दस्तक देगा। उत्तराखंड से सटे जिलों तक इसका असर देखने को मिलेगा, जिससे कई इलाकों में लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिल सकती है।
मौसम विभाग ने शनिवार के लिए उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों को इस अलर्ट में शामिल किया गया है, उनमें बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, सोनभद्र, कानपुर (देहात और नगर), जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुरप्रमुख हैं।
यह अलर्ट प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने का संकेत है, खासकर उन इलाकों में जहां निचले क्षेत्रों में जलभराव की संभावना अधिक होती है। साथ ही खेतों और खुले इलाकों में रहने वालों को भी मौसम के बदलाव को गंभीरता से लेने की सलाह दी गई है।
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मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 48 जिलों में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई है। इन जिलों में शामिल हैं:
बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, और पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, समेत कई अन्य जिले।
लोगों को सलाह दी गई है कि बिजली गिरने की स्थिति में खुले मैदान, पेड़ों के नीचे या ऊंची इमारतों के पास खड़े होने से बचें। मोबाइल फोन के प्रयोग और धातु के वस्तुओं से दूरी बनाकर रखें।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, "शनिवार को बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छी बारिश के संकेत मिल रहे हैं। वहीं, प्रदेश के अन्य हिस्सों में बादल और हल्की बूंदाबांदी का सिलसिला बना रह सकता है।"
उन्होंने यह भी बताया कि अगले दो दिनों तक बारिश की तीव्रता और उसका क्षेत्रीय विस्तार बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति वाले क्षेत्रों को विशेष निगरानी में रखने की जरूरत है।
बारिश की यह लहर जहां खेतों को राहत पहुंचा सकती है, वहीं यातायात व्यवस्था और जनजीवन पर भी इसका असर पड़ सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें कीचड़ से भर सकती हैं और शहरों में ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। किसानों के लिए यह बारिश फसलों के लिए वरदान बन सकती है, लेकिन बिजली गिरने के खतरे के चलते सावधानी भी जरूरी है।
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