UP Panchayat Election 2026 Date: उत्तर प्रदेश में 2026 के पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। मतदाता सूची पुनरीक्षण 18 जुलाई से आरंभ होगा और अंतिम सूची 15 जनवरी 2026 को प्रकाशित होगी। यह चुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

Uttar Pradesh Panchayat Elections 2026: उत्तर प्रदेश में 2026 के पंचायत चुनाव की तैयारी अब जोर पकड़ने लगी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी है। 18 जुलाई से यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश में शुरू हो जाएगी और अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।

राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव एक अहम सेमीफाइनल माना जा रहा है, क्योंकि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह मैदान पर ताकत आजमाने का बेहतरीन मौका होगा।

मतदाता सूची पुनरीक्षण से होगी शुरुआत

राज्य निर्वाचन आयुक्त राज प्रताप सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव की पहली कड़ी मतदाता सूची के पुनरीक्षण से शुरू होगी। यदि किसी ग्राम पंचायत का हिस्सा नगर निकाय में शामिल किया गया है या सीमाओं में बदलाव हुआ है, तो उस क्षेत्र में विलोपन और नई सूची की छपाई कराई जाएगी। इसके लिए 18 जुलाई से 13 अगस्त तक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को कार्य आवंटन, प्रशिक्षण और स्टेशनरी का वितरण किया जाएगा। बीएलओ घर-घर जाकर सर्वे करेंगे और पांडुलिपि तैयार करेंगे।

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युवाओं को मिलेगा वोटिंग का मौका

जो युवक और युवतियां 1 जनवरी 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेंगे, उनका नाम भी सूची में जोड़ा जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 14 अगस्त से 22 सितंबर तक किए जा सकेंगे। आवेदन पत्रों की जांच 23 से 29 सितंबर के बीच घर-घर जाकर होगी, ताकि पात्र मतदाता सूची से बाहर न रहें।

6 अक्टूबर तक संशोधन, 15 जनवरी को अंतिम सूची

मतदाता सूची में परिवर्तन और संशोधन की प्रक्रिया 30 सितंबर से 6 अक्टूबर तक चलेगी। इसके बाद 7 अक्टूबर से 24 नवंबर तक कंप्यूटराइज्ड पांडुलिपियों का काम पूरा किया जाएगा। 5 दिसंबर को अनंतिम सूची जारी होगी, और इसके बाद दावे और आपत्तियां 6 से 12 दिसंबर तक दर्ज की जा सकेंगी। निस्तारण 13 से 19 दिसंबरतक किया जाएगा। अंतिम रूप से तैयार सूची 15 जनवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।

राजनीतिक दलों के लिए ‘ट्रायल रन’

2026 का पंचायत चुनाव सिर्फ स्थानीय सरकार चुनने का माध्यम नहीं बल्कि एक राजनीतिक ट्रायल रन भी है। भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा और अन्य दलों के लिए यह चुनाव यह दिखाने का मौका होगा कि उनकी जमीनी पकड़ कितनी मजबूत है। इन चुनावों के नतीजे न सिर्फ स्थानीय सत्ता समीकरणों को प्रभावित करेंगे, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव की रणनीति को भी दिशा देंगे।

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