UP में निवेश की रफ्तार तेज: 56000 करोड़ की विदेशी डील्स पर फोकस, CM योगी ने किया रिव्यू

Published : Dec 05, 2025, 03:57 PM IST
UP Foreign Investment

सार

UP Foreign Investment: उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि निवेशकों के साथ लगातार संवाद रखा जाए और किसी भी स्तर पर देरी न हो।  

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए चल रहे प्रयासों की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ निवेश की संभावना वाला राज्य नहीं, बल्कि निवेश के भरोसे का राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर निवेशक के साथ संवाद लगातार बना रहे और किसी भी स्तर पर देरी की कोई गुंजाइश न हो। उनका कहना था कि 'स्पीड, स्टेबिलिटी और सपोर्ट' उत्तर प्रदेश की नई पहचान होनी चाहिए।

विदेशी निवेश के आंकड़े

बैठक में यह जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के सितंबर तक प्रदेश को 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। कुल संचयी विदेशी निवेश अक्टूबर 2019 से अब 2,754 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है। अधिकारियों ने बताया कि चालू अवधि में प्रदेश को 5,963 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्रवाह मिला है, जो पिछले वर्षों की तुलना में तेज वृद्धि दर्शाता है।

FDI-FCI नीति के तहत प्रस्ताव और पाइपलाइन

एफडीआई-एफसीआई-फॉर्च्यून 500 नीति-2023 के तहत अब तक 11 निवेश आवेदकों ने 13,610 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। इसके अलावा 22 आवेदनों के माध्यम से 17,810 करोड़ रुपये और 29 आवेदन पाइपलाइन में 56,000 करोड़ रुपये के निवेश से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री को बताया गया कि जापान, अमेरिका, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड और सिंगापुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख निवेश साझेदार बने हुए हैं।

विदेशी देश डेस्क और निवेशकों के साथ संवाद

जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर और खाड़ी देशों के लिए बनाए गए विदेशी देश डेस्क लगातार सक्रिय हैं। दूतावासों, उच्चायोगों और व्यापार संघों से नियमित संवाद चल रहा है। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अब तक 100 से अधिक वन-टू-वन बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। जापान और सिंगापुर के व्यापार समझौते निवेश के ठोस अवसरों में बदले जा रहे हैं।

खाड़ी सहयोग परिषद और निवेश रुचि

खाड़ी सहयोग परिषद सेक्टर डेस्क की समीक्षा में बताया गया कि दिल्ली, नोएडा, मुंबई, लखनऊ और कानपुर में 6 गोलमेज बैठकें हुईं। इन बैठकों से 83 कंपनियों के साथ संवाद बना और करीब 5,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव सामने आए। सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक रुचि देखी गई, जबकि बैंकिंग, वित्त, बीमा, फार्मा, लाइफ साइंस, मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र भी संभावनाशील हैं।

ललितपुर फार्मा पार्क में तेजी

मुख्यमंत्री ने ललितपुर फार्मा पार्क के अवसंरचना कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कई बड़ी दवा कंपनियों ने यहां निवेश में रुचि दिखाई है। भूमि, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं समय पर सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

125 जापानी कंपनियों के साथ फॉलोअप जारी

जापान डेस्क की समीक्षा में बताया गया कि डेंसो के ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना की प्रक्रिया चल रही है। कांसाई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री एसोसिएशन की 125 जापानी कंपनियों के साथ फॉलोअप जारी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के सहयोग से ग्रीन हाइड्रोजन उत्कृष्टता केंद्र की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। टोयोटा समूह, सुमितोमो और मारुबेनी के साथ निवेश को लेकर बातचीत जारी है। जापान डेस्क का कुल निवेश लक्ष्य 20,000 करोड़ रुपये रखा गया है।

ताइवान और इलेक्ट्रॉनिक्स केंद्र

ताइवान डेस्क के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रयास और तेज किए जाएं। 40 से अधिक कंपनियां चिन्हित हैं और लगभग 100 करोड़ रुपये के निवेश की पाइपलाइन तैयार है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। एचसीएल-फॉक्सकॉन का 3,700 करोड़ रुपये का निवेश इस विकास का मजबूत आधार बनेगा।

दक्षिण कोरिया और प्रमुख कंपनियां

सैमसंग, एलजी, केएच वेटेक और ड्रीमटेक जैसी कोरियाई कंपनियों के साथ निवेश बातचीत जारी है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का गौतमबुद्ध नगर में लगभग 850 करोड़ रुपये का विस्तार प्रस्तावित है, जबकि लोट्टे समूह का लगभग 400 करोड़ रुपये का निवेश प्रक्रियाधीन है। मुख्यमंत्री ने कोरियाई कंपनियों के लिए संवाद और सुविधाकरण और मजबूत करने के निर्देश दिए।

सिंगापुर निवेशकों की रुचि

सिंगापुर डेस्क के तहत टेमासेक, पीएसए, डीबीएस, कैपिटललैंड-असेंडास, केपेल और सेम्बकॉर्प जैसे निवेशक उत्तर प्रदेश में लगातार रुचि दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी विदेशी डेस्क से नियमित अंतराल पर राउंड टेबल बैठकें आयोजित करने और हर निवेशक के लिए एकल संपर्क बिंदु तय करने को कहा।

प्लग एंड प्ले मॉडल और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र

मुख्यमंत्री ने उद्योगों को गति देने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर जोर दिया। निवेशक को पहले दिन से तैयार अवसंरचना मिलने पर वे तेजी से काम शुरू कर सकेंगे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कंपनियों को अपने कॉरपोरेट और मुख्यालय खोलने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण में आवश्यक मानव संसाधन की कमी न होने के निर्देश भी दिए गए।

 

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