
क्या ग्राम पंचायतें केवल कागज़ी प्रशासनिक इकाइयाँ हैं, या वे वास्तव में ग्रामीण जीवन की आत्मा हैं? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि ये पंचायतें ही ग्रामीण विकास की सबसे मजबूत नींव हैं और अब इन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश बड़ा कदम उठा रहा है।
पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों की स्व-वित्तीय क्षमता बढ़ाने के लिए सुधारात्मक कदम जारी हैं।
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जिला पंचायत क्षेत्रों में निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर जिला पंचायत में सिविल इंजीनियर या आर्किटेक्ट की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। इससे स्थानीय निर्माण कार्यों और स्वीकृति प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने के लिए ग्राम सचिवालयों में आधार केंद्र खोलने की योजना है। यहाँ नागरिक आधार कार्ड निर्माण, संशोधन और बायोमेट्रिक अपडेट जैसी सेवाएँ ले पाएंगे। इससे मिलने वाले शुल्क पंचायत को अतिरिक्त राजस्व देंगे और नागरिकों को सुविधा होगी। वहीं तालाबों और पोखरों का समयबद्ध पट्टा किया जाएगा, जिसकी प्राप्त राशि हर घर नल योजना, जल संरक्षण और ग्राम्य हित के कार्यों में खर्च होगी। इसके लिए स्पष्ट नीति बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों की वित्तीय क्षमता बढ़ने से ग्रामीण विकास के कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे। पंचायत प्रतिनिधियों को वित्तीय प्रबंधन, डिजिटल सेवा वितरण और जनसुविधा संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर ग्राम पंचायत सेवा, स्वच्छता और स्वावलंबन की प्रतीक बने।
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