
गोरखपुर, 29 अप्रैल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में 2014 के पहले की सरकार के एजेंडे में देश नहीं था। इसी तरह 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की सरकार के एजेंडे में आम जनता नहीं थी। इन सरकारों के एजेंडे में सिर्फ वोट बैंक था। वोट बैंक के एजेंडे को लेकर पूर्व की इन सरकारों ने देश और प्रदेश की जो दुर्गति की वह सबके सामने है।
सीएम योगी मंगलवार को चरगांवा में नगर निगम के गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन (जीटीएस) का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के अंतर्गत नगर निगम के इस गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन के निर्माण पर कुल 9.89 करोड़ रुपये की लागत आई है। जीटीएस के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हर व्यक्ति को क्वालिटी ऑफ लाइफ देने के लिए देश में 2014 से प्रदेश में 2017 से जो कार्य हो रहे हैं, वे पहले भी हो सकते थे। पर, तब सत्ता में ऐसे लोग थे जो कुछ नहीं कर पाए।
सभी नागरिकों को अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम जयंती की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी कार्य को करने के लिए विजन चाहिए। विजन को धरातल पर उतारने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और ईमानदारी से कार्य करने की प्रवृत्ति चाहिए। परिकल्पना को परिणाम में बदलने के लिए टीमवर्क चाहिए। पर, जहां परिवार को ही सबकुछ मान लिया जाता हो, वहां सत्ता में बैठे लोगों से कोई उम्मीद करनी बेमानी है। उन्होंने कहा कि 2017 से पूर्व प्रदेश में सपा और 2014 से पूर्व केंद्र में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल यही बेमानी करते रहे।
सीएम योगी ने कहा कि पहले सड़क पर और नालियों में कूड़ा फेंक देने के कारण जलनिकासी नहीं हो पाती थी। सड़क पर गंदगी पसरी रहती थी। गंदगी से मच्छर पनपते थे, इंसेफेलाइटिस, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां होती थीं। जब मच्छर और बीमारी बढ़ेगी तो माफिया भी पनपेंगे। 2017 के पूर्व गंदगी, मच्छर, बीमारी और माफिया गोरखपुर की पहचान से जुड़ गए थे। जबकि आज का गोरखपुर स्मार्ट सिटी के रूप में स्वच्छता के लिए सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के नए मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि 1977-78 से लेकर चार दशकों में 50 हजार मासूमों की मौत इंसेफेलाइटिस का चलते हुई थी। 2017 में प्रदेश में बनी डबल इंजन सरकार के प्रयासों आज इंसेफेलाइटिस पूरी तरह नियंत्रण में है। इंसेफेलाइटिस को नियंत्रित करने में पीएम मोदी द्वारा अक्टूबर 2014 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इंसेफेलाइटिस नियंत्रित होने से हजारों नौनिहालों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लोगों को बीमारियों से बचाने और स्वच्छ-सुंदर वातावरण देने के लिए घर-घर शौचालय बनवाए गए, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा तथा हर घर नल से जल की सुविधा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में वेस्ट मैनेजमेंट के बेहतरीन काम हो रहे हैं। यहां कंस्ट्रक्शन वेस्ट से टाइल्स बन रहा है। सुथनी में 500 टन प्रतिदिन की क्षमता का वेस्ट टू चारकोल प्लांट लग रहा है। इसी क्रम में चरगांवा में 200 टन प्रतिदिन की क्षमता का गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन बना है। यहां चालीस वार्डों का कूड़ा निस्तारित होगा। इसी तरह का गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन लालडिग्गी में भी बनाया गया है। गोरखपुर में प्राकृतिक विधि से जलशोधन का भी नया मॉडल खड़ा किया गया है।
सीएम योगी ने कहा कि पहले एक बरसात में ही शहर जलमग्न हो जाता था। गंदगी, मच्छर का अंबार लगने लगता था। 15 जून के बाद लोग इंसेफेलाइटिस की दहशत में रहते थे। गंदगी और मच्छर दूर करने के साथ ही अब शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने की कार्ययोजना पूर्ण हो।रही है। इसके लिए गोड़धोइया नाला परियोजना जल्द ही पूरी हो जाएगी। इससे शहर को जलजमाव से मुक्ति मिलेगी, लोगों को आवागमन की सुगमता होगी और उन्हें स्वच्छ-सुंदर वातावरण मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के विकास में चौड़ी सड़कों, ड्रेनेज सिस्टम, एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, खाद कारखाना और रामगढ़ताल से जुड़े कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज गोरखपुर बदल चुका है। यहां जो लोग भी आते हैं, इसके विकास को देखकर अभिभूत हो जाते हैं। आज का गोरखपुर नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का नया गोरखपुर है।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक देश के लिए नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने की अपील की है। इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में प्रदेश सरकार ने स्ट्रीट लाइट व्यवस्था में हैलोजन की जगह एलईडी का इस्तेमाल किया है। इससे बिजली की बचत के साथ कार्बन उत्सर्जन रोकने में भी मदद मिली है। उन्होंने चुटकी लेते हुए पूर्व में प्रयुक्त होते रहे हैलोजन की तुलना समाजवादी पार्टी में होने वाली बिजली आपूर्ति से की। कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा सरकार में जैसे बिजली आकर चली जाती थी, वैसे ही पुराने हैलोजन जलते जलते अचानक बुझ जाते थे।
मंचीय कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री ने गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन (जीटीएस) का फीता काटकर और शिलापट्ट का बटन दबाकर लोकार्पण किया। इसके बाद भ्रमण कर इसकी कार्यप्रणाली की जानकारी ली और लाइव डेमो देखा। इस अवसर पर 15 सफाईकर्मियों को सम्मानित करने के साथ ही डूडा के स्टाल का अवलोकन, गर्भवती महिलाओं की गोदभराई, बच्चों का अन्नप्राशन कराया। मंच पर आने से पूर्व उन्होंने स्वच्छता वाहनों को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। मंच पर आने के बाद मुख्यमंत्री ने सफाई मित्र कल्याण कोष से एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक मृतक सफाई मित्र की आश्रित को सौंपा और कर वसूली में उत्कृष्ट कार्य हेतु नगर निगम के कार्मिकों को प्रमाण पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया।
लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा और मार्गदर्शन में गोरखपुर नगर निगम रोल मॉडल के रूप में आगे बढ़ रहा है। बताया कि सीएम के मार्गदर्शन में प्रदेश के पहले अर्बन फ्लड सेल का निर्माण गोरखपुर में हो रहा है। साथ ही गोरखपुर नगर निगम ने पहली बार तीन डिजिट में (110 करोड़ रुपये) कर संग्रह किया है। महापौर ने वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए शहर में हुए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर मंच पर विधायक फतेह बहादुर सिंह, राजेश त्रिपाठी, विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, नगर निगम के उप सभापति धर्मदेव चौहान, पूर्व महापौर अंजू चौधरी, सत्या पांडेय, चरगांवा की ब्लॉक प्रमुख वंदना सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष देवेश श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष जनार्दन तिवारी, स्थानीय पार्षद सरोज पासवान आदि की उपस्थिति रही।
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