
Chhangur conversion racket : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से उठी एक कहानी ने न सिर्फ कानून व्यवस्था को झकझोर दिया है, बल्कि समाज में धर्मांतरण को लेकर गहरी चिंता भी पैदा की है। जमालुद्दीन उर्फ छांगुर, जो खुद को धार्मिक गुरु के रूप में प्रस्तुत करता रहा, अब संगठित अवैध धर्मांतरण और अंतरराष्ट्रीय स्तर के काले कारोबार के केंद्र में आ गया है। ईडी और एटीएस की साझा जांच ने छांगुर और उसके नेटवर्क की परतें एक-एक कर खोलनी शुरू कर दी हैं।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, छांगुर ने बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में मधुपुर की कोठी को एक ऐसे केंद्र में तब्दील कर दिया था, जहां गुप्त रूप से धर्मांतरण की प्रक्रिया पूरी की जाती थी। यहां मजमा लगाने के नाम पर कई बार सामूहिक धार्मिक आयोजन किए गए, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी।
ईडी ने छांगुर के नेटवर्क में सुभाषनगर स्थित ‘आश्वी बुटीक कॉम्प्लेक्स’ की भी तलाशी ली। सामने आया कि यह बुटीक एक दिखावटी दुकान थी, जिसका इस्तेमाल विदेशी खातों, अनुबंधों और अन्य गुप्त दस्तावेजों को छिपाने के लिए किया जा रहा था। नवीन और नीतू जैसे सहयोगी यहीं से पूरे नेटवर्क का प्रबंधन करते थे।
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बुटीक से मिले दस्तावेजों में नवीन का सऊदी अरब में व्यापार और पनामा (स्पेन) में समुद्री जहाजों से जुड़ी गतिविधियों का उल्लेख मिला है। यहां तक कि मुंबई के कॉम्प्लेक्स और बैंकों से जुड़ी जानकारी भी बरामद हुई है। इससे स्पष्ट होता है कि छांगुर का जाल केवल धार्मिक केंद्रों तक सीमित नहीं था, बल्कि विदेशी आर्थिक गतिविधियों तक फैला हुआ था।
छांगुर के कई करीबी जैसे पिंकी, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी और सगीर अब भी फरार हैं। जानकारी है कि सगीर के खातों में विदेश से फंडिंग हुई है। महाराष्ट्र निवासी इदुल इस्लाम भी एटीएस की एफआईआर में नामजद है और उसकी तलाश जारी है।
बलरामपुर जिला न्यायालय में कार्यरत बाबू राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता के नाम पर पुणे में 16 करोड़ रुपये की जमीन में हिस्सेदारी सामने आई है। यह हिस्सेदारी छांगुर के माध्यम से हुई। एटीएस को शक है कि यह संबंध छांगुर के बड़े नेटवर्क में प्रशासनिक मदद की एक कड़ी हो सकता है। शनिवार को एटीएस ने राजेश को लखनऊ जाते समय हिरासत में लिया।
दरगाह आला हजरत ने इस पूरे प्रकरण पर सख्त रुख अपनाया है। नवीरा-ए-आला हजरत मुफ्ती तौसीफ रजा खां ने कहा कि इस्लाम में धोखे से धर्म परिवर्तन कराना हराम है और ऐसे ढोंगी बाबाओं का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि ऐसे व्यक्तियों से पूरी तरह दूरी बनाई जाए जो मजहब की आड़ में गुमराही फैला रहे हैं।
तीन महीने तक खामोश रहने के बाद अब भाजपा नेता इस मामले में मुखर हो गए हैं। जिले के तीनों विधायक शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मिले और शनिवार को प्रेस में आकर सपा पर हमला बोला। उनका आरोप है कि सपा सरकारों ने छांगुर जैसे तत्वों को संरक्षण दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि जो भी इस साजिश में शामिल है, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
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