
UP Industrial Growth: क्या उत्तर प्रदेश को कभी औद्योगिक पिछड़ेपन से जोड़ा जाता था? अब तस्वीर बदल चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने उद्योग जगत में ऐसा इतिहास रचा है जिसने सभी बड़े औद्योगिक राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) की वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) 2023-24 रिपोर्ट बताती है कि यूपी ने कारखानों की संख्या, रोजगार और सकल मूल्य संवर्धन (GVA) – तीनों ही मोर्चों पर नया राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया है।
ASI 2023-24 के अनुसार, उत्तर प्रदेश का सकल मूल्य संवर्धन (GVA) वर्ष 2022-23 के ₹1.34 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹1.67 लाख करोड़ हो गया।
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रिपोर्ट के अनुसार:
औद्योगिक विस्तार के चलते रोजगार में भी बड़ा उछाल दर्ज हुआ।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक नीतियों, निवेश प्रोत्साहन योजनाओं और बेहतर कानून-व्यवस्था का नतीजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न और योगी सरकार की डबल इंजन नीति ने यूपी को उद्योग और निवेश के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।
| राज्य | कारखानों की संख्या वृद्धि | रोजगार वृद्धि | GVA वृद्धि |
| उत्तर प्रदेश | 15.91% | 9.37% | 25.03% |
| कर्नाटक | 3.27% | 1.36% | 18.76% |
| तमिलनाडु | 1.15% | 7.55% | 11.16% |
| महाराष्ट्र | 0.35% | 6.79% | 9.27% |
| गुजरात | 7.35% | 9.63% | 7.51% |
| भारत (राष्ट्रीय औसत | 2.7% | 5.9% | 11.9% |
कारखानों की बढ़ती संख्या, रोजगार के अवसर और रिकॉर्डतोड़ जीवीए वृद्धि ने साफ कर दिया है कि यूपी अब केवल कृषि प्रधान राज्य नहीं, बल्कि देश की नई औद्योगिक राजधानी बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
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