
दिल्ली में चल रहे भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2025 में इस बार उत्तर प्रदेश का पैवेलियन सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक बदलते दौर की कहानी बनकर उभरा है। यहां हर स्टॉल, हर उत्पाद और हर नवाचार उस नए यूपी की तस्वीर पेश कर रहा है, जो परंपरा को आधुनिकता से जोड़कर वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी नई पहचान गढ़ रहा है। यह मेला इस बात का प्रमाण बन चुका है कि बदलती आर्थिक सोच जब स्थानीय कौशल, तकनीक और युवा ऊर्जा से जुड़ती है, तो वह सिर्फ उत्पाद नहीं, बल्कि संभावनाओं की पूरी नई दुनिया गढ़ देती है।
भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2025 में इस वर्ष उत्तर प्रदेश ने अपनी ऐतिहासिक भागीदारी दर्ज की है। ‘लोकल टू ग्लोबल’ थीम पर आधारित इस आयोजन में यूपी सरकार ने अपनी ओडीओपी योजना को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सबसे प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया है।
मेले में उत्तर प्रदेश के 2750 से अधिक प्रदर्शक शामिल हुए हैं, जिनमें पारंपरिक हस्तशिल्प, एग्रो-बेस्ड उत्पाद, तकनीकी स्टार्टअप और डिजिटल बिज़नेस मॉडल शामिल हैं। ओडीओपी के 343 विशेष स्टॉल न केवल पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं, बल्कि इस बात का उदाहरण भी दे रहे हैं कि कैसे स्थानीय कला को आधुनिक पैकेजिंग, डिजिटलीकरण और ई-कॉमर्स से जोड़कर वैश्विक बाजार में नए अवसर बनाए जा सकते हैं। यूपी सरकार की इस पहल ने यह स्थापित किया है कि राज्य न केवल अपनी विरासत को संजो रहा है बल्कि आधुनिक तकनीक व नवाचार के सहारे नई आर्थिक क्रांति का नेतृत्व भी कर रहा है।
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मेले में युवा स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों की भागीदारी इस आयोजन की खास पहचान बनकर उभरी।
आगरा का पेठा, भदोही की कार्पेट, बनारसी साड़ियाँ, मेरठ का स्पोर्ट्स सामान, कानपुर का चमड़ा, फीरोजाबाद का ग्लासवेयर और सहारनपुर की वुड कार्विंग—इन सबने भारत ही नहीं, दुनिया के खरीदारों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
इस वर्ष मेले में यूपी ने यह भी दिखाया कि परंपरा और तकनीक का मेल कैसे एक नई व्यावसायिक पहचान बना सकता है।
महाराष्ट्र और राजस्थान के साथ "साझेदार राज्य" के रूप में शामिल होकर उत्तर प्रदेश ने खुद को एक उभरते व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आर्थिक नीतियों का असर इस मेले में स्पष्ट दिखाई दिया।
मेले में मिले सकारात्मक परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में न केवल भारत के आर्थिक विकास में प्रमुख योगदान देगा, बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी नई पहचान बनाएगा।
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