महाकुम्भ 2025 में सुरक्षा और सुविधाओं का महाजाल, क्या होगा इस बार खास?

Published : Jan 20, 2025, 10:19 AM IST
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सार

CM योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ मेले में गणतंत्र दिवस, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी पर भीड़ प्रबंधन और संचार तंत्र को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने पर ज़ोर दिया गया है।

महाकुम्भ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी गणतंत्र दिवस, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के अवसर पर महाकुम्भ मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन और संचार तंत्र को और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के अवसर पर अमृत स्नान के दौरान पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता चाहिए। भीड़ प्रबंधन की दृष्टि से इन विशेष दिवसों पर पांटून पुल पर आवागमन वन-वे रखा जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के अवसर पर पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल ज़ोन घोषित किया जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं की आस्था का पूरा सम्मान होना चाहिए। जिसे भी किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, व्यवस्था में लगे लोग आगे बढ़कर मदद करें।

रविवार को प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री ने पहले मेला क्षेत्र का भ्रमण किया और फिर अधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में राष्ट्रपति जी उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी और केंद्रीय गृह मंत्री जी सहित अनेक गणमान्य जनों का प्रयागराज में आगमन प्रस्तावित है। 22 जनवरी को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक भी यहां होगी। इस संबंध में सभी आवश्यक तैयारियां समय से कर ली जानी चाहिए।

आइसीसीसी सभागार में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति के अनुसार मेला परिसर में लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालु उपस्थित हैं। अब तक 07 करोड़ से अधिक लोग त्रिवेणी स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पौषपूर्णिमा और मकर संक्रांति पर आस्था का जन समुद्र उमड़ा था, यह सुखद रहा कि हर आगंतुक श्रद्धालु संतुष्ट होकर यहां से गया। अब आगामी मौनी अमावस्या के मौके पर 08-10 करोड़ लोगों के आगमन का अनुमान है। इससे पहले गणतंत्र दिवस पर भी बड़ी संख्या में लोगों का आगमन होगा। ऐसे में लोगों की सुविधा और सुरक्षा के दृष्टिगत पुख्ता प्रबंध होने चाहिए। बिजली और पेयजल आपूर्ति हो, शौचालय और उसकी सफाई हो, पांटून पुलों का अनुरक्षण हो, अथवा भीड़ के मूवमेंट की रणनीति, हर एक बिंदु पर अच्छी तैयारी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात प्रबंधन/गाड़ियों की पार्किंग के बारे में लगातार प्रचार-प्रसार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने मेलाक्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क को और बेहतर करने की भी जरूरत बताई। उन्होंने कहा मीडिया और पुलिस हो या आम श्रद्धालु, मोबाइल नेटवर्क की जरूरत सभी को पड़ती है। मौनी अमावस्या के दृष्टिगत टॉवर क्षमता और कवरेज को और बेहतर किया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के अवसर पर प्रयास करें कि जो लोग जिस ओर से आ रहे हैं, वहीं के निकटस्थ घाट पर स्नान कर सकें। उन्होंने स्नानार्थियों को कम से कम पैदल चलने के लिए आवश्यक प्रबंध के निर्देश दिये।

रेलवे के अधिकारियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुव्यवस्था बनाने में रेलवे की बड़ी भूमिका है। मकर संक्रांति का अनुभव सभी ने किया है। स्नान के बाद श्रद्धालु अपने गंतव्य जाना चाहता है इसलिए मेला स्पेशल ट्रेनें पूरे दिन चलाई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रूटीन गाड़ियों और मेला स्पेशल ट्रेनों के लिए अलग-अलग रेलवे स्टेशन हों तो बेहतर होगा। रूटीन ट्रेनों को यथासंभव निरस्त अथवा डाइवर्ट करके चलाना उचित होगा। रेलवे को आगामी 25 जनवरी से 05 फरवरी तक के लिए पूरी सतर्कता के साथ विशेष प्रबंध करने होंगे। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के आवागमन, प्लेटफॉर्म संख्या आदि के बारे में लगातार एनाउंसमेंट किया जाता रहे। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि गाड़ियों के आवागमन के लिए एक बार घोषित प्लेटफार्म संख्या में बदलाव न हो। रेलवे अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मौनी अमावस्या पर 200 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें चलाये जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री ने परिवहन निगम को शटल बसों की संख्या बढ़ाने और उनके लगातार चलाने के भी निर्देश दिए।

विभिन्न सेक्टरों में अवस्थापना व अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागवाल से संबंधित सेक्टरों में पेयजल आपूर्ति, शौचालय की व्यवस्था को बेहतर करने की जरूरत है। कल्पवासियों को कोई समस्या न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल खोया पाया केंद्र के सुचारु संचालन में स्थानीय संस्थाओं के साथ बेहतर समन्वय होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मेला क्षेत्र में अलग लग स्थानों पर अलाव जलाने के भी निर्देश दिये, साथ ही कहा कि घाटों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। जल पुलिस, गंगा दूत एक्टिव रहें।

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