
UP marriage registration rules Changed: उत्तर प्रदेश में अब शादी का पंजीकरण मज़ाक नहीं रहा। अगर आप सोच रहे हैं कि मंदिर में चुपचाप शादी करके अगले दिन कोर्ट में रजिस्ट्रेशन करा लेंगे तो ज़रा रुक जाइए! नए नियमों ने अब शादी को केवल रस्मों तक नहीं बल्कि कागज़ी और डिजिटल सबूतों तक सीमित कर दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शादी रजिस्ट्रेशन के पुराने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब रजिस्ट्रेशन शादी होने की जगह पर नहीं, बल्कि वर-वधू या उनके माता-पिता के निवास स्थान की तहसील के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में होगा।
अब कोई भी शादी बिना गवाही के रजिस्टर्ड नहीं होगी। अगर परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं है, तो शादी करवाने वाला पंडित, मौलवी या पारदी को गवाह के तौर पर दफ्तर बुलाना अनिवार्य होगा
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि शादी असली है, अब विवाह का पूरा वीडियो एक पेन ड्राइव में रजिस्ट्रेशन ऑफिस में जमा करना अनिवार्य कर दिया है। बिना वीडियो साक्ष्य, रजिस्ट्रेशन को मंजूरी नहीं मिलेगी।
यह भी पढ़ें: Water Apple: ये सेब नहीं... कमाई की मशीन है! मेरठ के किसान उगा रहे करोड़ों वाला फल
पहले शादी का रजिस्ट्रेशन वैवाहिक स्थल के आधार पर होता था, जिससे फर्जी शादियों की आशंका बढ़ जाती थी। अब नए नियमों से यह खेल खत्म हो जाएगा। आधे-अधूरे दस्तावेज़ और गवाह अब नहीं चलेंगे। स्टांप विभाग के एआईजी पुष्पेंद्र कुमार के अनुसार, नया आदेश शुक्रवार शाम को जारी कर दिया गया था और शनिवार से यह नियम पूरे प्रदेश में लागू हो चुका है। सभी सब-रजिस्ट्रार को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में शनिदेव बनाम यूपी सरकार के केस के बाद प्रशासन ने यह सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब परिवार की सहमति और ठोस सबूतों के बिना शादी रजिस्टर्ड नहीं हो पाएगी। नए निर्देशों के बाद अब कोई भी व्यक्ति चोरी-छिपे शादी कर रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश नहीं कर पाएगा। समाज और कानून दोनों की स्वीकृति अब अनिवार्य होगी।
यह भी पढ़ें: कम बजट में शानदार लोकेशन! लखनऊ के टॉप 10 सस्ते रेंटल एरिया
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।