Water Apple: ये सेब नहीं... कमाई की मशीन है! मेरठ के किसान उगा रहे करोड़ों वाला फल

Published : Jun 07, 2025, 12:06 PM IST
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सार

water apple cultivation in UP: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में अब 'वाटर एप्पल' की खेती शुरू हो गई है। दिखने में सेब, स्वाद में नाशपाती जैसा यह फल किसानों के लिए मुनाफे का नया जरिया बन सकता है।

water apple farming meerut: कभी धान और गन्ने पर निर्भर रहने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान अब नए फलों की ओर रुख कर रहे हैं। मेरठ के खेतों में अब उग रहा है ऐसा फल जो दिखने में सेब, स्वाद में नाशपाती और फायदा कमाई में ‘सोने’ से कम नहीं। जी हां, हम बात कर रहे हैं ‘वाटर एप्पल’ की एक ऐसा अनोखा फल जो अब मेरठ की मिट्टी में भी पनपने लगा है। किसानों को उम्मीद है कि यह फल उनके भविष्य की तस्वीर बदल सकता है।

पश्चिमी यूपी में उगा दक्षिण भारत का सुपरफ्रूट

मेरठ के किठौर क्षेत्र के शाहजहांपुर गांव में किसान सराहत उल्ला खान ने जब वाटर एप्पल की खेती शुरू की, तब लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि यह फल उत्तर भारत में भी उग सकता है। लेकिन अब नतीजे सबके सामने हैं। जहां यह फल पहले केवल तमिलनाडु, केरल और मलेशिया-थाईलैंड जैसे देशों में उगता था, वहीं अब मेरठ के किसान भी इसका लाभ उठा रहे हैं।

नाशपाती जैसा आकार, सेब जैसी चमक

वाटर एप्पल का फल दिखने में नाशपाती जैसा होता है, लेकिन इसका रंग गहरा लाल होता है, ठीक सेब की तरह। इसी कारण इसे ‘जल सेब’ यानी वाटर एप्पल कहा जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका रसदार और हल्का मीठा स्वाद है, जो गर्मी में काफी राहत देता है।

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पौष्टिकता से भरपूर है ये फल

इस फल में 93% तक पानी होता है, जिससे यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। साथ ही इसमें

  • 0.6% प्रोटीन
  • 5.7% कार्बोहाइड्रेट
  • 1.1% फाइबर

भी मौजूद होता है। गर्मियों में यह एक बेहतरीन नैचुरल ड्रिंक का काम करता है, जो शरीर को ठंडक देता है और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी है।

कम समय, ज्यादा मुनाफा किसानों की नई उम्मीद

वाटर एप्पल की खेती सिर्फ अनोखी नहीं, बल्कि कम समय में तैयार होने वाली और अधिक मुनाफा देने वाली फसलों में से एक है। अगर यह प्रयोग बड़े स्तर पर सफल रहा, तो मेरठ, मुजफ्फरनगर और बागपत जैसे जिलों में फल उत्पादन का नक्शा ही बदल जाएगा।

सराहत उल्ला खान बने मिसाल, नर्सरी के जरिए दे रहे ट्रेनिंग

इस बदलाव के पीछे सराहत उल्ला खान का बड़ा योगदान है, जिन्होंने न सिर्फ इस फल की खेती शुरू की, बल्कि अब किसानों को इसके पौधे और ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। उनकी नर्सरी से अब आस-पास के किसान भी वाटर एप्पल की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

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