
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि आगामी शारदीय नवरात्र से महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन को समर्पित ‘मिशन शक्ति’ का 5वां चरण शुरू होगा। बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि यह अभियान 22 सितंबर से शुरू होकर 30 दिनों तक चलेगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि:
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इस समय उत्तर प्रदेश में 44,177 महिला पुलिस कार्मिक तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि 30 दिनों के भीतर, सभी 57 हजार ग्राम पंचायतों और 14 हजार नगरीय वार्डो में महिला बीट पुलिस अधिकारियों की चरणबद्ध तैनाती हो।
महिला पुलिस अधिकारी ग्राम प्रधान, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के साथ मिलकर महिलाओं और बालिकाओं से संवाद करें, उनकी समस्याएँ व ज़रूरतें समझें, सरकारी योजनाओं और अधिकारों की जानकारी दें। आपात स्थिति में सहायता कैसे मिलेगी, यह भी समझाएँ।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हर जिले में महिला सुरक्षा से जुड़े संवाद और कॉन्फ्रेंस हों। इनमें अस्पतालों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, स्कूल-कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हों। स्कूल-कॉलेजों में लघु फिल्मों के जरिए छात्र-छात्राओं को महिला सुरक्षा और लैंगिक समानता पर जागरूक किया जाए।
सभी नगर निगमों में पिंक बूथ स्थापित होंगे। मिशन शक्ति केन्द्रों पर तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें शामिल होगा जेंडर सेंसिटाइजेशन, डिजिटल सबूत इकट्ठा करना, केस मैनेजमेंट, वित्तीय सहायता योजनाओं की जानकारी। पिंक बूथ पर 24×7 सहायता उपलब्ध होगी। मिशन शक्ति केन्द्रों को 360 डिग्री मॉडल पर विकसित किया जाएगा जहाँ- शिकायत पंजीकरण, काउंसलिंग, लीगल एड, फीडबैक और फॉलो-अप जैसी सेवाएँ एक ही जगह मिलेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन शक्ति केवल सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को सशक्त बनाने का सामाजिक अभियान है।
पिछले चरण में कई खास अभियान चले:
आईटीएसएसओ पोर्टल के अनुसार उत्तर प्रदेश 98.80% निस्तारण दर के साथ देश में पहले स्थान पर है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ वीमेन इन पुलिस में यूपी के मॉडल ‘महिला हेल्पलाइन 1090 और मिशन शक्ति’ को अन्य राज्यों में लागू करने का प्रस्ताव पारित हुआ।
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