UP News: अब सड़क पर नहीं, यमुना के रास्ते दौड़ेगी कानपुर-बुंदेलखंड की अर्थव्यवस्था!

Published : Mar 24, 2025, 10:32 PM IST
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सार

Kanpur News: कानपुर-बुंदेलखंड को प्रयागराज से जोड़ने की योजना! 248 किमी लंबा जलमार्ग बनेगा, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। क्या पुराने जलमार्ग फिर से जीवंत होंगे?

Kanpur Prayagraj waterway project:  कानपुर और बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एक बड़ी खबर। यमुना नदी में जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र को प्रयागराज के संगम से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। इस 248 किमी लंबे जलमार्ग को कालपी से प्रयागराज तक विकसित किया जाएगा, जिससे औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। इस परियोजना को कानपुर रीजन इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अथॉरिटी (क्रीडा) में शामिल करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।

जलमार्ग बनने से क्या होंगे फायदे

  • बेहतर कनेक्टिविटी: कानपुर और बुंदेलखंड क्षेत्र सीधे गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम से जुड़ जाएंगे।
  • माल परिवहन और व्यापार: जलमार्ग से औद्योगिक परिवहन में तेजी आएगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
  • पर्यटन को नई दिशा: प्रयागराज में होने वाले धार्मिक आयोजनों के दौरान यात्रियों को नया परिवहन साधन मिलेगा।
  • सड़क यातायात में राहत: जल परिवहन से सड़क यातायात का दबाव कम होगा, जिससे प्रदूषण और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

बुंदेलखंड और कानपुर को होगा बड़ा फायदा

इस जलमार्ग का केंद्र बिंदु जालौन का कालपी और कानपुर देहात का भोगनीपुर होगा। यहां इनलैंड वाटर वेज (जल परिवहन पत्तन) विकसित किया जाएगा, जो कानपुर के औद्योगिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा। भोगनीपुर उत्तर भारत के प्रमुख सड़क जंक्शनों में से एक है, जहां से राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और बंगाल तक यातायात को सुगम बनाया जा सकेगा।

क्या इतिहास फिर से दोहराएगा खुद को

इतिहासकारों के मुताबिक, ब्रिटिश काल में प्रयागराज से कोलकाता तक एक सक्रिय जलमार्ग था, जिस पर स्टीमर मेल चलाई जाती थी। उस समय बारिश के दिनों में कोलकाता से प्रयागराज तक की यात्रा केवल नौ दिनों में पूरी हो जाती थी। गर्मी और सर्दी में यही सफर 15 से 25 दिनों का होता था। अब इस योजना के जरिए एक बार फिर पुराने जलमार्गों को पुनर्जीवित करने की तैयारी की जा रही है।

जलमार्ग क्यों है जरूरी

  • पर्यावरण को लाभ: भारी वाहनों का दबाव कम होने से ईंधन की बचत होगी, प्रदूषण घटेगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
  • डिफेंस और उद्योग को बढ़ावा: कानपुर, झांसी और चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर और औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
  • पर्यटन को बढ़ावा: महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान जलमार्ग से यात्रा करना एक नया अनुभव होगा।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह योजना कानपुर और बुंदेलखंड के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। अगर यह परियोजना सफल होती है, तो जल परिवहन एक नया परिवहन क्रांति लेकर आएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

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