
Kanpur Prayagraj waterway project: कानपुर और बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एक बड़ी खबर। यमुना नदी में जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र को प्रयागराज के संगम से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। इस 248 किमी लंबे जलमार्ग को कालपी से प्रयागराज तक विकसित किया जाएगा, जिससे औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। इस परियोजना को कानपुर रीजन इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अथॉरिटी (क्रीडा) में शामिल करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।
इस जलमार्ग का केंद्र बिंदु जालौन का कालपी और कानपुर देहात का भोगनीपुर होगा। यहां इनलैंड वाटर वेज (जल परिवहन पत्तन) विकसित किया जाएगा, जो कानपुर के औद्योगिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा। भोगनीपुर उत्तर भारत के प्रमुख सड़क जंक्शनों में से एक है, जहां से राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और बंगाल तक यातायात को सुगम बनाया जा सकेगा।
इतिहासकारों के मुताबिक, ब्रिटिश काल में प्रयागराज से कोलकाता तक एक सक्रिय जलमार्ग था, जिस पर स्टीमर मेल चलाई जाती थी। उस समय बारिश के दिनों में कोलकाता से प्रयागराज तक की यात्रा केवल नौ दिनों में पूरी हो जाती थी। गर्मी और सर्दी में यही सफर 15 से 25 दिनों का होता था। अब इस योजना के जरिए एक बार फिर पुराने जलमार्गों को पुनर्जीवित करने की तैयारी की जा रही है।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह योजना कानपुर और बुंदेलखंड के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। अगर यह परियोजना सफल होती है, तो जल परिवहन एक नया परिवहन क्रांति लेकर आएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
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