आजम खान के पूरे परिवार को 7 साल की सजा, पत्नी-बेटे के साथ कोर्ट से सीधे जाएंगे जेल

यूपी के रामपुर की एमपी-एमएलएल कोर्ट ने फेक बर्थ सर्टिफिकेट मामले में समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई है।

 

 

रामपुर. उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है, समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान को अदालत ने बड़ा झटका दिया है। रामपुर की एमपी-एमएलएल कोर्ट ने फेक बर्थ सर्टिफिकेट मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई है।

कोर्ट में गिरफ्तार हुई आजम फैमिली

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दरअसल, अभी तक आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्ला आजम इस मामले में जमानत पर थे। लेकिन बुधवार को रामपुर की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में फेक बर्थ सर्टिफिकेट मामले में सुनवाई हुई और आजम फैमिली को दोषी करार दिया। जज के आदेश होते ही तीनों को कोर्ट में ही हिरासत में ले लिया गया है। वहीं मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण अदालत की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

अखिलेश यादव बोले-आजम जी के परिवार के साथ बड़ी साजिश की गई है...

वहीं इस फैसले के आने के बाद सपा प्रमुख्य अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा- मैं आजम जी के साथ हूं। उनके परिवार को न्याय मिलेगा। उनके खिलाफ बड़ी साजिश की गई है। उनके परिवार को निशाना बनाकर समाज के एक पूरे हिस्से को डराने का जो खेल खेला जा रहा है, जनता वो देख भी रही है और समझ भी रही है। कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते हैं कि शिक्षा-तालीम को बढ़ावा देनेवाले लोग समाज में सक्रिय रहें। इस सियासी साज़िश के ख़िलाफ़ इंसाफ़ के कई दरवाज़े खुले हैं। ज़ुल्म करनेवाले याद रखें… नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ एक अदालत अवाम की भी होती है।

क्या है फेंक बर्थ सर्टिफिकेट केस

बत दें कि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पर आरोप है कि उन्होंने विधायक का चुनाव लड़ने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए थे। उनके जन्म प्रमाण पत्र में उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को बताया गया है। जबकि अब्दुल्ला का डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है। बताया जाता है कि अब्दुल्ला ने यह फर्सी सर्टिफिकेट पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी दौरे करने के अलावा अन्य कई सरकारी कामों में इस्तेमाल करने के लिए बनवाया था। लेकिन इस मामले में खुलासा हुआ और यह मामला हाई कोर्ट पहुंचने के बाद इस पर सुनवाई शुरू हुई। जांच के दौरान पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया। इतना ही नहीं उनका चुनाव लड़ना तक रद्द कर दिया गया था।

विधायक का चुनाव लड़ा जीता भी...लेकिन कोर्ट ने किया रद्द

अब्दु्ल्ला आजम ने इसी फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। उन्होंने सपा के टिकट पर रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से यह चुनाव जीता भी और विधायक बन गए। लेकिन चुनाव होने के बाद कोर्ट में केस किया गया कि अब्दुल्ला ने जो उम्र बताई थी वह गलत है। सर्टिफिकेट में जो उम्र बताई गई है वह उतनी उम्र के नहीं हैं। इसके बाद कोर्ट ने उनका चुनाव रद्द कर दिया।

 

 

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