
लखनऊ। प्रदेश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में पीएम सूर्य घर योजना लोगों के लिए नई उम्मीद बनकर उभरी है। सौर ऊर्जा आधारित यह योजना किसानों, छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों को बड़ा आर्थिक लाभ दे रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने इस योजना के क्रियान्वयन में तेज काम किया है और राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है।
अधिकृत आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अब तक 2,75,936 घरों पर रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इन संयंत्रों से उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली का लाभ मिल रहा है और पारंपरिक बिजली पर निर्भरता तेजी से कम हुई है। रूफटॉप सोलर स्थापना में यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र के बाद देश में तीसरे स्थान पर है, जबकि कुल आवेदनों में दूसरे स्थान पर है।
इस योजना का सबसे बड़ा सकारात्मक असर छोटे व्यवसायों पर दिख रहा है। पहले बिजली कटौती से वेल्डिंग वर्कशॉप, आटा चक्की, किराना दुकान, नाई की दुकान और मोबाइल रिपेयर जैसी इकाइयां प्रभावित होती थीं।
अब सौर ऊर्जा के कारण इन व्यवसायों को बिजली कटौती का सामना नहीं करना पड़ता, जिससे उनकी आय स्थिर हुई है और रोजगार के अवसर बढ़े हैं। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को भी बड़ा लाभ पहुंचा है। मुफ्त बिजली के चलते उनके मासिक खर्च में 15–20% तक कमी आई है। इससे कई परिवार शिक्षा, स्वास्थ्य और बचत पर अब बेहतर तरीके से ध्यान दे पा रहे हैं।
31 अक्टूबर तक प्रदेश में ₹1,808.09 करोड़ की सब्सिडी बांटी जा चुकी है। सब्सिडी मिलने से लोगों का विश्वास और बढ़ा है और रूफटॉप सोलर लगवाने की गति भी तेज हुई है।
लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और बरेली इस योजना के प्रमुख लाभार्थी जिले हैं। इन चार जिलों में 8,000 से अधिक सोलर यूनिट स्थापित हो चुकी हैं। जिला-वार स्थापना आंकड़े इस प्रकार हैं:
अन्य जिलों में भी रूफटॉप सोलर स्थापना का कार्य काफी तेजी से जारी है।
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