
लखनऊ, 20 नवंबर। उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हर उपभोक्ता को पारदर्शी, सुरक्षित और विश्वस्तरीय बिजली सुविधा देने के मिशन पर काम कर रही है। इसी दिशा में पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट को तेजी से लागू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) अब तक लगभग 62 लाख 65 हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर इंस्टॉल कर चुका है। राज्य सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ 9 लाख 78 हजार से अधिक मीटर लगाने का है।
स्मार्ट मीटर पूरी तरह सुरक्षित, आधुनिक और उपभोक्ता-अनुकूल तकनीक पर आधारित हैं। ये पुराने इलेक्ट्रॉनिक मीटरों की तरह खपत मापने के साथ-साथ ऑनलाइन रीडिंग और बिलिंग की सुविधा भी देते हैं। इससे मानवीय हस्तक्षेप लगभग खत्म हो जाता है और बिलिंग में 100% सटीकता सुनिश्चित होती है।
स्मार्ट मीटर आने से उपभोक्ताओं की सुविधा, पारदर्शिता और ऊर्जा प्रबंधन में बड़ा बदलाव आया है। योगी सरकार की यह पहल बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर और विश्वस्तरीय सुविधाएं देने की सफल कोशिश मानी जा रही है।
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1. बिलिंग में पूरी पारदर्शिता
स्मार्ट मीटर रियल-टाइम में रीडिंग भेजते हैं। इससे गलत बिल बनना या अनुमान आधारित बिलिंग जैसी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
2. बिजली चोरी पर सख्त नियंत्रण
रीडिंग स्वतः सर्वर पर जाती है, जिससे मीटर से छेड़छाड़ की संभावना समाप्त होती है। इससे बिजली चोरी पर प्रभावी रोक लगती है।
3. घर बैठे सभी बिजली सेवाएं
अब बिल जमा करने या जानकारी लेने के लिए बिजली दफ्तर जाने की जरूरत नहीं।
खपत, बिलिंग, पेमेंट, सब कुछ ऑनलाइन ऐप और पोर्टल पर उपलब्ध है।
4. बिजली खपत पर पूरा नियंत्रण
उपभोक्ता अपने मोबाइल ऐप या पोर्टल पर बिजली खपत को रियल-टाइम में देख सकते हैं। इससे ऊर्जा बचत और बजट नियंत्रण आसानी से हो जाता है।
5. प्रीपेड मीटर की सुविधा (जहां लागू)
प्रीपेड मीटर रिचार्ज की तरह काम करते हैं- जितनी बिजली खरीदेंगे, उतनी ही खपत होगी।
इससे खर्च पर बेहतर नियंत्रण रहता है।
6. फॉल्ट और बिजली कटौती की तुरंत जानकारी
स्मार्ट मीटर में सिस्टम तुरंत बताता है कि लाइन में फॉल्ट है या बिजली कट गई है। इससे समस्या का समाधान तेजी से हो पाता है।
7. लोड मैनेजमेंट में मदद
सिस्टम ऑटोमेटिक तरीके से लोड पैटर्न समझता है, जिससे बिजली वितरण अधिक व्यवस्थित और सुचारु हो जाता है।
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