राष्ट्रीय जंबूरी 2024 में पहली बार यूपी के ओडीओपी उत्पाद बड़े पैमाने पर प्रदर्शित होंगे। लखनऊ में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन से कारीगरों, शिल्पकारों और स्थानीय उद्योगों को वैश्विक पहचान व आर्थिक अवसर मिलेंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और शिल्पकला अब वैश्विक स्तर पर नई पहचान बनाने जा रही है। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के 19वें राष्ट्रीय जंबूरी में इस वर्ष पहली बार एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के उत्पाद बड़े पैमाने पर प्रदर्शित किए जाएंगे। छह दशक बाद यह आयोजन उत्तर प्रदेश में हो रहा है, जिसमें 23 से 29 नवंबर तक लाखों प्रतिभागी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि लखनऊ पहुंचेंगे।
ओडीओपी पवेलियन में दिखेगी यूपी की हस्तकला की चमक
योगी सरकार के मार्गदर्शन में आयोजित इस जंबूरी में यूपी के शिल्पकारों और स्थानीय उत्पादों को विशेष स्थान दिया गया है। ओडीओपी पवेलियन में प्रमुख रूप से प्रदर्शित होंगे:
- बनारसी और रेशमी साड़ियाँ
- चंदौली की ज़री-ज़रदोज़ी
- लखनऊ की चिकनकारी
- आगरा का पेठा
- ग़ाज़ीपुर की जूट वॉल हैंगिंग्स
- जौनपुर के ऊनी कारपेट
यह पवेलियन न केवल इन उत्पादों की सुंदरता दिखाएगा बल्कि उनके पीछे काम करने वाले शिल्पकारों की मेहनत, परंपरा और कौशल को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा।
राष्ट्रीय जंबूरी UP के लिए लाएगा बड़े आर्थिक अवसर
इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन से उत्तर प्रदेश को कई आर्थिक लाभ मिलेंगे। हजारों प्रतिभागियों और विदेशी प्रतिनिधियों की मौजूदगी से स्थानीय उद्योगों को नए बाजार और नए खरीदार मिलेंगे। यह पहल-
- ओडीओपी उत्पादों की वैश्विक मांग बढ़ाएगी
- स्थानीय कारीगरों के लिए रोजगार और कमाई के अवसर बढ़ाएगी
- निवेश और आर्थिक गतिविधियों को गति देगी
यह जंबूरी उत्तर प्रदेश की पारंपरिक कलाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का बड़ा मंच साबित होगा।
प्रतिनिधियों को मिलेगा शिल्पकला को समझने का अवसर
असिस्टेंट रीजनल ऑर्गनाइजेशन कमिश्नर जयप्रकाश दक्ष ने बताया कि दुनिया भर से आए स्काउट्स, गाइड्स और प्रतिनिधि इन उत्पादों और कारीगरों के कौशल को करीब से समझ सकेंगे। लीडर ट्रेनर अमिताभ पाठक के अनुसार, यह मंच यूपी के ओडीओपी उत्पादों को नई पहचान और सम्मान दिलाएगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने की संभावना है।
जंबूरी में दिखेगी भारत की सांस्कृतिक विविधता
इस आयोजन में भारत की सांस्कृतिक विविधता भोजन, परिधान और लोक कलाओं के माध्यम से भी प्रदर्शित होगी। प्रतिभागियों को उत्तर प्रदेश के स्वाद और संस्कृति से परिचय कराने के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे:
- पूड़ी-कचौरी
- जलेबी
- बनारसी पान
- चाट
- क्षेत्रीय मिठाइयाँ
- पारंपरिक लोक कलाएँ और परिधान
प्रतिभागियों को भारत की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत अनुभव मिलेगा।
'सशक्त युवा-विकसित भारत' थीम के तहत 32,000 प्रतिभागी
इस जंबूरी की थीम 'सशक्त युवा-विकसित भारत' है। इसमें 32,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे, जिनमें एशिया–प्रशांत क्षेत्र के लगभग 2,000 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी होंगे। यह आयोजन न सिर्फ युवाओं की ऊर्जा और नेतृत्व क्षमता का उत्सव है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर भी है।
UP की कला, संस्कृति और अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया आयाम
जंबूरी के माध्यम से उत्तर प्रदेश की कला, भोजन, लोक संस्कृति और विरासत को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। इस आयोजन से:
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
- निवेश की संभावनाएँ बढ़ेंगी
- क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति मिलेगी
यह वैश्विक मंच उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान को मजबूत करेगा और राज्य की दीर्घकालिक प्रगति के नए रास्ते खोलेगा।


