
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को 'उत्तम प्रदेश' बनाने के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार विजन 2047 के तहत एक विस्तृत और दीर्घकालिक कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य राज्य के नगरीय आवासीय क्षेत्रों को स्वच्छ, सुरक्षित, हरित और जलवायु-अनुकूल स्वरूप देना है।
इस योजना के माध्यम से शहरी मोहल्लों को पर्यावरण-समावेशी मॉडल पर विकसित किया जाएगा, ताकि नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर, स्वच्छ हवा, सुरक्षित पेयजल और प्रदूषण रहित वातावरण मिल सके। सरकार का लक्ष्य शहरी विकास को सिर्फ सड़क और भवन निर्माण तक सीमित न रखकर उसे पर्यावरण संतुलन और जनस्वास्थ्य से जोड़ना है।
राज्य सरकार की यह पूरी कार्ययोजना दो प्रमुख आधारों पर आधारित है-
इन्हीं दोनों तत्वों के आधार पर शहरी क्षेत्रों का व्यापक कायाकल्प किया जाएगा और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप विकसित किया जाएगा।
सिटी-सेंट्रिक क्लाइमेट एक्शन प्लान तैयार
सरकार का फोकस शहरी क्षेत्रों को आने वाले वर्षों की जरूरतों के अनुसार विकसित करने पर है। इसके तहत हर नगर के लिए “सिटी सेंट्रिक क्लाइमेट एक्शन प्लान” तैयार किया जा रहा है। इस प्लान से वर्षा की अनियमितता, बढ़ते तापमान, जलभराव, वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन जैसी चुनौतियों का स्थानीय स्तर पर आकलन किया जाएगा और उनके समाधान लागू किए जाएंगे।
शहरी हरित आवरण को बढ़ाने की बड़ी योजना
सरकार कई हरित पहलों को बड़े पैमाने पर लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके अंतर्गत नगरों में पार्क, ग्रीन बेल्ट, हरित गलियारे और खुले हरित क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।
इनसे न केवल हवा की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि स्थानीय तापमान नियंत्रण और पर्यावरणीय स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा। साथ ही मोहल्ला स्तर पर जलवायु आधारित प्लानिंग लागू होगी, जो गर्मी, जलभराव, प्रदूषण और बाढ़ जैसी समस्याओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग में मदद करेगी।
जलाशयों और तालाबों का पुनरुद्धार
योजना का दूसरा मुख्य लक्ष्य जल सुरक्षा और पारिस्थितिक संतुलन को स्थायी आधार देना है। इसके लिए शहरों के तालाब, झीलें और अन्य जलाशयों का पुनरुद्धार किया जाएगा। इससे पूरे वर्ष जल उपलब्धता बनी रहेगी।
वर्षा जल संचयन को बढ़ावा
हर आवासीय क्षेत्र में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर में सुधार आएगा और जल संकट की स्थिति से बचा जा सकेगा।
कचरा निस्तारण सिस्टम होगा मजबूत
सरकार शहरी क्षेत्रों में कचरे के प्रबंधन के लिए विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रणाली विकसित कर रही है। इसके तहत मोहल्ला स्तर पर कचरे का पृथक्करण, प्रसंस्करण और निस्तारण जैसी व्यवस्थाएं लागू की जाएंगी। यह न सिर्फ स्वच्छता को स्थायी मजबूत आधार देगा, बल्कि प्रदूषण कम करने और पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी भूमिका निभाएगा।
आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ शहर
सरकार का मानना है कि इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से यूपी के शहरी आवासीय क्षेत्र न केवल पर्यावरण-अनुकूल बनेंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित, स्वस्थ और स्वच्छ जीवन देने की मजबूत नींव भी तैयार होगी। यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
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