
लखनऊ। वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के लिए नीति, निर्णय और ठोस परिणामों का वर्ष साबित हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने ऐसे कई ऐतिहासिक और दूरगामी फैसले लिए, जिनका सीधा लाभ किसानों, युवाओं, महिलाओं, श्रमिकों, शिक्षकों और वंचित वर्गों तक पहुंचा।
कृषि से लेकर उद्योग, शिक्षा से लेकर रोजगार और सामाजिक सुरक्षा से लेकर निवेश तक, योगी सरकार के निर्णयों ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था और जनकल्याण को नई दिशा दी। मजबूत इच्छाशक्ति और जनहित केंद्रित सोच के कारण 2025 के फैसले उत्तर प्रदेश के विकास की मजबूत नींव बने।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के करीब 9 लाख शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने की ऐतिहासिक घोषणा की। इस योजना में बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा के शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और रसोइए भी शामिल हैं। इससे शिक्षकों और उनके परिवारों को बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा मिली है।
आउटसोर्स कर्मचारियों के शोषण को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड का गठन किया गया। इसके तहत पारदर्शी भर्ती, समय पर वेतन, ईपीएफ-ईएसआई, न्यूनतम 16 से 20 हजार रुपये मानदेय और रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना की शुरुआत की गई। अब यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक के माध्यम से लघु व सीमांत किसानों को केवल 6% ब्याज दर पर ऋण मिलेगा। पहले यह दर 11.50% थी। शेष ब्याज राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड वृद्धि की गई।
इससे लाखों गन्ना किसानों की आय में सीधा इजाफा हुआ।
उत्तर प्रदेश में 60,244 पुलिस सिपाहियों की ऐतिहासिक भर्ती की गई। इस भर्ती में 12,000 से अधिक महिलाएं चयनित हुईं। इसे देश की सबसे बड़ी और पारदर्शी भर्तियों में शामिल किया गया और सुरक्षित उत्तर प्रदेश की दिशा में बड़ा कदम माना गया।
प्रदेश के समग्र विकास के लिए ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ महाअभियान की शुरुआत की गई। ‘समर्थ उत्तर प्रदेश पोर्टल’ के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और शहरी-ग्रामीण विकास पर जनता से सुझाव लिए जा रहे हैं।
महिलाओं को संपत्ति रजिस्ट्री शुल्क में 1% अतिरिक्त छूट दी गई। यह सुविधा अब 10 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर लागू की गई, जिससे महिलाओं को अधिकतम 1 लाख रुपये तक की बचत हो सकेगी।
देश सेवा के बाद अग्निवीरों के पुनर्वास के लिए यूपी पुलिस और पीएसी भर्ती में 20% आरक्षण देने का निर्णय लिया गया, जिससे युवाओं का भविष्य सुरक्षित हुआ।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अनुदान राशि 51 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गई। साथ ही आय सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई, जिससे हजारों गरीब परिवारों को लाभ मिला।
महाकुंभ नगरी में कैबिनेट बैठक कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नई परंपरा की शुरुआत की। बैठक के बाद पूरी कैबिनेट ने संगम स्नान किया, जो प्रशासन और आस्था के समन्वय का प्रतीक बना।
वृद्धावस्था पेंशन योजना को फैमिली आईडी से जोड़ने का निर्णय लिया गया। 60 वर्ष की आयु पूरी करते ही पेंशन स्वतः खाते में पहुंचेगी। इसके लिए आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी। पायलट प्रोजेक्ट पांच जिलों में शुरू किया जाएगा।
योगी सरकार ने सामाजिक समरसता के लिए कई फैसले लिए-
प्रदेश के 5 मेधावी छात्रों को हर वर्ष यूके की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स की पढ़ाई के लिए पूर्ण छात्रवृत्ति दी जाएगी।
2025 बजट में रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना की घोषणा की गई, जिसके तहत मेधावी छात्राओं को निशुल्क स्कूटी मिलेगी।
युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का गठन किया गया।
फूलों को गैर-विनिर्दिष्ट कृषि उत्पाद की श्रेणी में रखकर मंडी शुल्क से पूरी छूट दी गई, जिससे छोटे किसानों को बड़ा लाभ मिला।
SCR की तर्ज पर काशी-विंध्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (KVRDA) बनाया गया, जिसमें 7 जिले शामिल हैं। इसका उद्देश्य पर्यटन, उद्योग और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।
घुमंतू और विमुक्त जातियों के लिए अलग बोर्ड, आवास, कॉलोनी और सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ने का निर्णय लिया गया। पुलिस भर्ती सहित मुख्यधारा में भागीदारी सुनिश्चित हुई।
कृषि श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 252 रुपये प्रतिदिन / 6552 रुपये प्रतिमाह की गई, जिससे ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार हुआ।
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